कोलकाता: 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार को केंद्रीय सत्ता से बाहर करने के लिए विपक्ष ने INDIA गठबंधन बनाया है। कांग्रेस के साथ-साथ पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी इसका हिस्सा है। सीट बंटवारे को लेकर तृणमूल लगातार दबाव बना रही है। पिछले मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में पार्टी सुप्रीमो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दिसंबर के अंत तक फैसला लेने का अल्टीमेटम दिया है।
सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है कांग्रेस
इस बीच खबर है कि बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर तृणमूल और कांग्रेस के बीच बातचीत शुरू हो गई है। सूत्रों ने यह भी कहा है कि सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पाई है। इसका कारण यह है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से केवल दो ही गठबंधन को देना चाहती है। बाकी 40 सीटों पर वह अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है। इधर, कांग्रेस राज्य में कम से कम सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुर्शिदाबाद की बहरामपुर, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद इन तीन सीटों पर कांग्रेस का जनाधार बेहतर है।
सीट बंटवारे पर नहीं बन रही सहमति
इसलिए यहां चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके अलावा पार्टी मालदा दक्षिण, मालदा उत्तर, रायगंज और दार्जिलिंग में भी चुनाव लड़ना चाहती है। इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि यहां टीएमसी का बड़ा जनाधार है, इसलिए पार्टी यहां अपना उम्मीदवार उतारना चाहती है। हालाँकि, वाम दलों को अलग सीटें देने की बात चल रही है जिसमें दक्षिण 24 परगना की संसदीय सीटें भी शामिल हैं। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस फिलहाल इस पर तैयार नहीं है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में सिर्फ 40 सीटों पर ही चुनाव लड़ेगी, इसलिए सीट बंटवारे को लेकर दोनों पार्टियों के बीच सहमति नहीं बन पा रही है।
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तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि गठबंधन की पहली शर्त यह है कि जो पार्टी राज्य में सबसे मजबूत होगी, उसे तरजीह देनी होगी। बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के सामने कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों का कोई वजूद नहीं है। यह बात पिछले चुनावों में साबित हो चुकी है। इसलिए जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती है उनकी मांग करना उचित नहीं है। हालांकि, उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के शीर्ष नेता इस पर आम सहमति बनाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस की ओर से दीपा दास मुंशी लगातार बात कर रही हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस की ओर से पार्टी के महासचिव रैंक के नेता सीधे तौर पर ममता बनर्जी के निर्देश पर बात कर रहे हैं।
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