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उत्तर प्रदेश में भारत बंद का नही दिखा असर, एटवा के समर्थन के बावजूद सड़कों पर दिखीं ट्रकें

New Delhi: Shops remain shut after the Confederation of All India Traders (CAIT) called for the \"Delhi Trade Bandh\" against the ongoing sealing drive; in New Delhi on Jan 23, 2018. According to CAIT, more than seven lakh traders belonging to more than 2,000 trade associations across the city joined in the \"Delhi Trade Bandh\" against the sealing in the city, which they said is in violation of statutory provisions of the Delhi Municipal Corporation Act. (Photo: IANS)

लखनऊः तेल की बढ़ती कीमतों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के खिलाफ कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) द्वारा आहूत भारत बंद को शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (एटवा) ने बंद को समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ट्रांसपोर्टरों का बंद पर रुख बंटा रहा और सुबह 6 बजे चक्का जाम के बाद भी सड़क पर ट्रकों की आवाजाही जारी रही।

शुक्रवार को लखनऊ में अपने ट्रक के साथ देखे गए हरियाणा के एक ट्रक ऑपरेटर दलजीत सिंह ने कहा कि हम पूर्व सूचना के बिना ट्रकों को रोक नहीं सकते हैं। हमारे लिए ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करना और समय पर माल पहुंचाना प्रतिबद्धता है। लखनऊ, मेरठ और आगरा सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों में वाणिज्यिक प्रतिष्ठान शुक्रवार को खुले रहे। मेरठ के एक व्यवसायी राज कुमार चौधरी ने कहा कि भारत बंद को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। इसके अलावा हमारा कारोबार पहले से ही सुस्त है। हम और ज्यादा बंद नहीं कर सकते।

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ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) की कोर कमेटी के अध्यक्ष मलकीत सिंह ने कहा कि उन्होंने भारत बंद से पहले ही खुद को इससे अलग कर लिया था। उन्होंने कहा कि यह बंद केवल कागज पर है न कि जमीनी स्तर पर। इस बीच शुक्रवार को लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर में पुलिस बल की भारी तैनाती देखी गई। ट्रांसपोर्टनगर राज्य की राजधानी में परिवहन गतिविधि का केंद्र है और ट्रांसपोर्टरों का एक मीटिंग प्वाइंट है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक किसी भी व्यावसायिक या परिवहन गतिविधि को बलपूर्वक बंद कराने की कोशिश को रोकने के लिए पुलिस की तैनाती की गई है।