प्रदेश फीचर्ड

हिमाचल में बारिश और भूस्खलन ने ली चार लोगों की जान, 16 मकान क्षतिग्रस्त, 115 सड़कें बंद

BRO workers restore the bridge over Shansha Nala in Lahaul & Spiti district

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में बारिश और भूस्खलन से मंगलवार को चार लोगों की मौत हो गई। ये मौतें कांगड़ा, सिरमौर, सोलन और ऊना जिलों में हुई हैं। कांगड़ा और ऊना में पानी के तेज बहाव में बहने, सोलन में भूस्खलन और सिरमौर में सड़क दुर्घटना में एक-एक व्यक्ति की जान गई है। प्रदेश में भूस्खलन से 115 सड़कें बंद हैं। मंडी में 42, शिमला में 41, कुल्लू में 12, कांगड़ा में आठ, हमीरपुर में छह, चंबा में चार, सिरमौर व उना में एक-एक सड़क अवरुद्ध रही।

बारिश के कारण 41 ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से लोगों को बिजली की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। कुल्लू में 35, मंडी में चार और लाहौल-स्पीति में दो ट्रांसफार्मर बंद हैं। इसके अलावा 49 पेयजल परियोजनाएं भी ठप पड़ गई हैं। लाहौल-स्पीति में 43 और चंबा में चार पेयजल परियोजनाएं बंद हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की दैनिक रिपोर्ट के अनुसार बारिश के कारण 16 मकान क्षतिग्रस्त भी हुए हैं। इनमें तीन मकान पूरी तरह से तबाह हो गए, जबकि शेष मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। नौ गो-शलाएं भी बारिश से ध्वस्त हो गईं। वहीं तीन मवेशियों की मौत हुई है। मानसून सीजन के दौरान राज्य में अब तक 693 करोड़ की चल व अचल संपति को नुकसान पहुंच चुका है।

मौसम विभाग शिमला के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान नूरपुर, जोगेंद्रनगर व नारकंडा में 26-26, कोठी में 23, सरकाघाट में 22, कसौल में 20, पांवटा साहिब व गोहर में 19-19, देहरा गोपीपुर में 18, पच्छाद में 16, बिजाई व पंडोह में 15-15, नादौन, पालमपुर, कुफरी व गग्गल में 13-13, सोलन, बैजनाथ, जंजैहली और सुंदरनगर में 12-12 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

यह भी पढ़ेंः-डेल ने भारत में पेश किए दो नए लैपटॉप, जानिए इनकी कीमत और फीचर्स

मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि राज्य में नौ अगस्त तक मौसम के खराब रहने का अनुमान है। अगले दो दिन राज्य के मैदानी व मध्यपर्वतीय इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। लाहौल-स्पीति व किन्नौर को छोड़कर शेष 10 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सात अगस्त को भी इन जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। उन्होंने आम जनमानस व सैलानियों को भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों व नदी-नालों के नजदीक नहीं जाने का परामर्श दिया है।