
इस्लामाबादः इस्लामाबाद में जारी राजनीतिक अराजकता और विपक्षी दलों के प्रदर्शनकारियों की बढ़ती भीड़ के बीच राजधानी को तब तक स्थिर रखने का लक्ष्य है, जब तक कि विपक्ष की ओर से पेश अविश्वास मत के जरिए इमरान खान के भाग्य का फैसला नहीं हो जाता। इस समय राजधानी का नजारा सरकार और विपक्ष के बीच आखिरी मुकाबले की तरह लगता है। प्रधानमंत्री इमरान खान को विपक्षी गठबंधन द्वारा पेश की गई एक बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें कम से कम 20 विपक्षी दल शामिल हैं। इन दलों ने तीन साल विपक्ष में बैठने के बाद अब नेशनल असेंबली में अविश्वास मत के जरिए प्रधानमंत्री पद से इमरान खान को हटाने का फैसला किया है। सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-पाकिस्तान (टीटीपी) के कई सदस्य भी सहयोगी राजनीतिक दलों के साथ दलबदल कर विपक्षी दलों के पक्ष में आ गए हैं। अब वे खान को सत्ता से बाहर करने के प्रति आश्वस्त महसूस कर रहे हैं। विपक्षी खेमे को भरोसा है कि इस बार वे अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान बहुमत का दावा करने के लिए आवश्यक 172 मतों की स्वर्णिम संख्या हासिल करने में सक्षम होगा।
राजनीतिक तापमान चरम पर पहुंचने के साथ पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख रशीद ने जल्द चुनाव कराने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि वित्तवर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश होने के तुरंत बाद अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया जा सकता है। रशीद ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री इमरान खान को बजट के बाद चुनाव कराने की सलाह दी थी और जोर देकर कहा गया था कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर खान की लोकप्रियता बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मैं एक अच्छा बजट पेश करने के बाद जल्द चुनाव की मांग कर रहा हूं, क्योंकि इस अक्षम विपक्ष ने हमें फिर से जीतने की इजाजत दी है। उन्होंने कहा कि जब पाकिस्तानी राष्ट्र अपने विपक्षी नेताओं के चेहरे देखता है, तो वे चैनल बदल लेते हैं। विपक्षी नेता और पीएमएल-एन नेता शाहबाज शरीफ पर तंज कसते हुए रशीद ने कहा, यह वही शाहबाज शरीफ हैं, जो कहते हैं कि नवाज शरीफ सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा और सेना का बहुत सम्मान करते हैं।
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उन्होंने कहा, वोट को इज्जत दो- नारा कहां गया? वोट दुकानों पर बिक गए, उन्होंने लोकतंत्र का अपमान किया है। विपक्षी नेता ने नवाज शरीफ के उन बयानों की याद दिलाते हुए कहा कि उन्होंने देश के सैन्य प्रतिष्ठान को सत्ता से बेदखल करने का आरोप लगाया था। रशीद ने यह भी कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान 3 या 4 अप्रैल को होने की संभावना है। यह कहते हुए कि दलबदलू सांसद विपक्षी दलों को समर्थन देने का वादा कर सकते हैं, लेकिन मतदान के दिन वे प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ मतदान नहीं करेंगे।
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