नई दिल्लीः आईआईटी दिल्ली देश के राष्ट्रीय ध्वज के लिए एक शीर्ष और उन्नत गुणवत्ता वाला कपड़ा विकसित करेगा। राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए इस प्रकार की सामग्री का चयन किया, जिससे वह जटिल मौसमी परिस्थितियों में भी टिकाऊ बना रहे। राष्ट्रीय ध्वज के कपड़े का डिजाइन तैयार करते समय यह भी ध्यान में रखा जाएगा कि इसका वजन अधिक न हो। आईआईटी दिल्ली के एक स्टार्टअप स्वाट्रिक ने राष्ट्रीय ध्वज के लिए उन्नत कपड़ा विकसित करने हेतु फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया है।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया और आईआईटी दिल्ली के बीच हाल ही में एक एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए थे। स्टार्टअप के माध्यम से इस संबंध में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि सम्मान के साथ स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार मौलिक है।
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक भारत की विविध जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए झंडे के फैब्रिक की इंजीनियर डिजाइनिंग और विकास एक बड़ी चुनौती है। ध्वज की सामग्री का चयन करते समय खासतौर पर होगा भारत के विविध मौसमों की स्थिति को ध्यान में रखना होगा।
आईआईटी दिल्ली के कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एवं स्वाट्रिक के मेंटर प्रोफेसर बिपिन कुमार ने कहा, "उचित मानकीकरण और मूल के साथ राष्ट्रीय ध्वज निमार्ताओं की मदद करना समय की आवश्यकता है। ध्वज की गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी, सूत और कपड़े के विषय पर ज्ञान या कौशल का विकास किया जा रहा है।"
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया एक गैर-सरकारी संगठन है, जो 1980 सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन को लोकप्रिय बनाना और अधिक से अधिक भारतीयों तक गर्व की भावना के साथ इसे पहुंचाना है।
आईआईटी दिल्ली के साथ समझौता की बात करते हुए फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीईओ मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) आशिम कोहली ने कहा, "हम हमेशा अच्छी गुणवत्ता प्राप्त करने की चुनौती का सामना करते रहे हैं। राष्ट्रीय ध्वज पर आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों के साथ काम करना वास्तव में हमारे लिए गर्व का क्षण है। यहां एक उपयुक्त प्रौद्योगिकी मिलेगी जो देश के गौरव के लिए प्रासंगिक हैं।"
आईआईटी दिल्ली का स्वाट्रिक संस्थान, स्टार्टअप के जरिये फाइबर इंजीनियरिंग में भारतीयों की मदद करेगा। इसके लिए अत्याधुनिक तकनीक विकसित करने का काम किया जा रहा है।
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आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी रामगोपाल राव ने आईआईटी दिल्ली और फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के बीच सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा, "भारत में वह क्षमता है कि वह वस्त्र तकनीक के क्षेत्र में विश्व गुरु बन सकता है। आईआईटी का कपड़ा और फाइबर इंजीनियरिंग विभाग लगातार स्मार्ट और कार्यात्मक कपड़ा परियोजनाओं के क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इसके माध्यम से भारतीय कपड़ा क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए भू टेक्सटाइल, रक्षा, स्पोर्ट्सवियर, स्मार्ट वियरेबल्स, मेडिकल, कंपोजिट, ट्रांसपोर्ट, प्रोटेक्शन, पैकेजिंग आदि क्षेत्र में काम किया जा रहा है।