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तीन साल में कितना बदला छत्तीसगढ़, सीएम भूपेश बघेल ने गिनाई उपलब्धियां

Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel speaks during a meeting

रायपुरः छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार 17 दिसंबर को 3 साल पूरे कर लेगी। इस तीन साल के कार्यकाल में भूपेश बघेल की सरकार ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। रविवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आकाशवाणी से प्रसारित रेडियोवार्ता लोकवाणी की 24वीं कड़ी में ‘‘नवा छत्तीसगढ़ और न्याय के तीन वर्ष’’ विषय पर बातचीत की शुरुआत जय जोहार के अभिवादन के साथ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन तीन वर्षों में छत्तीसगढ़ राज्य को अपनी वास्तविक छत्तीसगढ़िया पहचान दिलाते हुए विकास और न्याय के नए प्रतिमान स्थापित किए गए हैं। इसमें हमारे पुरखों ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए जो सपने देखे थे, वो हमने पूरे किए हैं।

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सीएम ने गिनाई उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरी तीन साल की सबसे बड़ी सफलता तो यही है कि आप लोग अपने अधिकारों, अवसरों और वास्तविक तरक्की को स्वयं महसूस कर रहे हैं, सच होते देख रहे हैं। खुशी है कि मैं कुछ सार्थक बदलाव करने में सफल हुआ हूं। आज विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा पूरे देश और दुनिया में है। मुझे विश्वास है कि जब हम अपने पुरखों के रास्ते पर चलते हैं और पुराने मूल्यों से छेड़खानी किए बगैर सुधार के साथ आगे बढ़ते हैं तो हम सफलता के शिखर पर पहुंचते हैं। हमने तीन वर्षों में गरीबों तथा कमजोर तबकों के लिए ऐसे प्रयास किए हैं, जिनके बारे में पहले कभी सोचा नहीं गया था।

छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक 25 सौ से बढ़ाकर चार हजार रुपये प्रतिमानक बोरा करना ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना’ लागू करने से वन आश्रित परिवारों की जिंदगी में नई रोशनी आई है। तीन साल पहले सिर्फ सात वनोपज की खरीद समर्थन मूल्य पर की जा रही थी। लेकिन हमने 52 वनोपजों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की व्यवस्था की। इतना ही नहीं, 17 लघु वनोपजों के लिए संग्रहण पारिश्रमिक दर अथवा समर्थन मूल्य में अच्छी बढ़ोतरी भी की गई है।

इस तरह लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य पर खरीद करने, प्रसंस्करण करने, इनमें महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ने और आदिवासी समाज के सशक्तीकरण में बड़ी भूमिका निभाने के लिए छत्तीसगढ़ को भारत सरकार ने 25 पुरस्कार प्रदान किए हैं। इतना ही नहीं बल्कि स्वच्छता के लिए भी तीन साल में छत्तीसगढ़ को लगातार तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। इस बार छत्तीसगढ़ के सर्वाधिक 67 नगरीय निकायों को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिला है और एक बार फिर छत्तीसगढ़ को देश के सबसे स्वच्छ राज्य के रूप में मान्यता मिली है।

मैने बचपन खेतों में काम किया

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि मैंने बचपन से जवान होते तक खेतों में काम किया है, इसलिए मुझे खेती किसानी की पूरी जानकारी है। हर फसल किसान के लिए एक सीढ़ी होती है। इनपुट कास्ट कम होना और आउटपुट का दाम अच्छा मिलना ही खेती को लाभदायक बना सकता है। इसलिए हमने सबसे पहले किसानों पर जो कर्ज का बोझ था, डिफाल्टरी का कलंक था, बकायादारी की जो बाधा था, उसे कर्ज माफी से ठीक किया। सिंचाई पंप कनेक्शन लगाने का काम सुगम किया, सिंचाई के लिए निःशुल्क या रियायती दर पर बिजली प्रदाय का इंतजाम किया।

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