लखनऊः लेवाना होटल (levana) अग्निकांड में होटल मालिक समेत 4 के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। होटल मालिक रोहित अग्रवाल, राहुल अग्रवाल और जनरल मैनेजर सागर श्रीवास्तव को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रोहित अग्रवाल के पिता पवन अग्रवाल को पूछताछ के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उन्हें मेडिकल के लिए लाया गया जिसके बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा।
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फॉरेंसिक टीम साथ में कमिश्नर ने शुरू की जांच
प्रशासन की सख्ती के बाद लेवाना (levana) होटल अग्निकांड की जांच में तेजी दिखाई देने लगी है। होटल के ध्वस्तीकरण की तैयारियां भी जोर-षोर से की जा रहीं हैं। फिलहाल होटल को सील किया जा चुका है। जांच के लिए पुलिस कमिश्नर होटल के सील परिसर पर पहुंचे हैं। उनके साथ फॉरेंसिक टीम भी पूरी गहनता के साथ जांच में जुट गई हैं। सबूत जुटाने की कवायद जारी है।
आईपीसी की धारा 304 और 308 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया
आईपीसी 304: भारतीय दंड संहिता की धारा 304क के अनुसार, जो व्यक्ति तेजी व लापरवाही से कोई भी काम करते हुए किसी व्यक्ति की मृत्यु कर दे तो उसे दो साल तक की सजा या जुर्माना या सजा और जुर्माना दोनों से दण्डित किया जाएगा। परंतु यह मृत्यु इरादतन न की गई हो बल्कि तेजी व लापरवाही द्वारा घटित हुई हो। आईपीसी 308: भारतीय दंड संहिता की धारा 308 के अनुसार, जो भी कोई इस तरह के इरादे या बोध के साथ ऐसी परिस्थितियों में कोई कार्य करता है, जिससे वह किसी की मृत्यु का कारण बन जाए, तो वह गैर इरादतन हत्या (जो हत्या की श्रेणी मे नही आता) का दोषी होगा, और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
लेवाना होटल से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच
सोमवार की सुबह सात बजे लखनऊ में लेवाना होटल में हुए बड़े अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। एलडीए के आला अधिकारी अधिकारी होटल के दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। अब लखनऊ में राहुल अग्रवाल व रोहित अग्रवाल के सभी होटल की जांच होगी। शासन ने इस अग्निकांड से सबक लेते हुए आज से ही राजधानी के सभी होटल तथा अस्पतालों की जांच होगी। सभी जगह पर इमरजेंसी एग्जिट के साथ फायर एनओसी की जांच होगी। अगर कोई कमी मिलती है तो दमकल विभाग एक्शन लेगा।
भ्रष्टाचार और भारी लापरवाही का नतीजा है अग्निकांड
मालिक एवं मैनेजर व उनके सहयोगी अन्य लोगों द्वारा होटल में फायर सेफ्टी की कोई व्यवस्था नहीं की गयी थी तथा होटल में तत्काल आकस्मिक रूप से निकलने एवं प्रवेश करने की कोई व्यवस्था नहीं थी तथा बिजली की व्यवस्था अत्यन्त अनियमित तरीके से थी तथा होटल में कोई ऐसी व्यवस्था नहीं की गयी थी जिससे धुआं बाहर निकल सके। होटल में असुरक्षित तरीके से तमाम गैस सिलेन्डरों का रख-रखाव हो रहा था तथा किसी आपदा व इमरजेंसी से निपटने के लिए कोई सुरक्षा के उपाय नहीं किये गये थे।
होटल के कमरों की खिड़कियों के बाहर लोहे के मोटे-मोटे ग्रिल लगाये गये थे, जिससे न तो खिड़की बाहर खुल सकती थी और न ही खिड़की से कोई बाहर निकल सकता था। अग्रिकाण्ड के बाद अग्निशमन कर्मियों को भी ग्रिल के कारण खिड़की तोड़ कर अन्दर प्रवेश करने में काफी दिक्कतें आयी। होटल के मालिक व मैनेजर को पूरी जानकारी थी कि ऐसी किसी इमरजेंसी में भारी जनहानि हो सकती है परन्तु इससे बचाव का कोई उपाय नही किया गया।
अग्निकांड में चार लोगों की मौत
इस अग्निकांड में चार व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी तथा 07 व्यक्ति घायलावस्था में जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल है। इतना ही नहीं, आस पास के घरों व फ्लैटों में भी आग फैलने की पूरी संभावना थी। इससे अगल बगल के लोग भी काफी दहशत में थे। आग से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन फायर सर्विस, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के साथ भारी फोर्स लगाई गई थी। मौके पर तनाव की स्थिति विद्यमान है।
(रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान,लखनऊ)
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