नई दिल्लीः होलिका दहन 17 मार्च (गुरुवार) को मध्यरात्रि के बाद होगा। अन्य ग्रहों की स्थिति पर गौर किया जाए तो इस बार होलिका दहन पर गजकेसरी वरिष्ठ और केदार नाम के राजयोग बन रहे हैं। लेकिन होलिका दहन इस वर्ष भद्रा के उपरान्त या फिर भद्रा के पुच्छ काल में होगा। होली पर ऐसा दुर्लभ संयोग कम ही बनता है। इतने बड़े शुभ योग में होलिका दहन होना देश के लिए शुभ रहेगा। किन्तु भद्रा का साया होलिका दहन में विलम्ब करेगा।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक होलिका दहन पर दो मत निर्णय ग्रंथों में देखने को मिलते हैं। पहला यह कि भद्रा काल सम्पूर्ण समाप्त हो जाये, तब होलिका दहन का समय 17 मार्च को रात्रि एक बजकर चार मिनट के उपरान्त तथा द्वितीय मत के अनुसार भद्रा के पुच्छ काल में जो 17 मार्च को रात्रि 11 बजकर 27 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट के मध्य रहेगा, तो इस काल में होलिका दहन किया जा सकता है। ज्योतिषाचार्यो के मुताबिक यदि पहले दिन प्रदोष के समय भद्रा हो जैसा कि इस वर्ष है और दूसरे दिन सूर्यास्त से पहले पूर्णिमा समाप्त होती हो तो भद्रा की समाप्ति होने की प्रतीक्षा करके सूर्योदय होने से पहले होलिका दहन करना चाहिए। भद्रा समाप्ति का समय गुरुवार की मध्य रात्रि के बाद एक बजकर चार मिनट है। अतः होलिका दहन प्रथम मत के अनुसार करना उचित होगा किन्तु दूसरा मत भी अनुकरणीय है। इन ग्रह योगों से मान सम्मान पारिवारिक सुख और समृद्धि बढ़ेगी।
एक ही राशि में होंगे नक्षत्र, माह और ऋतु के स्वामी
होली पर नक्षत्र महीने और ऋतु के स्वामी एक ही राशि में रहेंगे। वसंत ऋतु के स्वामी शुक्र होते हैं। शुक्र के ही पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में होलिका दहन होगा। यह ग्रह सुख-सुविधा, समृद्धि, उत्सव, हर्ष और ऐश्वर्य का भी कारक है। वहीं, फाल्गुन महीने का स्वामी शनि है। शुक्र शनि आपस में मित्र हैं और दोनों ही मकर राशि में साथ होकर युति बना रहे हैं। सितारों की ये स्थिति इस पर्व के शुभ फल को और बढ़ा रही है।
विशेष ग्रह योग से होगा रोग, शोक और दोष का नाश
ज्योतिषाचार्यो के अनुसार 17 मार्च को होलिका दहन के दिन गुरुवार है तथा रंग भरी होली 18 मार्च दिन शुक्रवार है। इस बार होलिका दहन देवगुरु बृहस्पति के दिन होने जा रहा है। साथ ही बृहस्पति की दृष्टि सम्बंध चंद्रमा से होने पर गजकेसरी योग बन रहा है और इस पर्व पर वरिष्ठ और केदार योग भी बन रहे हैं। सब मिलाकर इस बार तीन-तीन राजयोग बन रहे हैं। साथ ही सूर्य का मित्र राशि में होना इस पर्व को और शुभ बना रहा है। देश में बीमारियों का संक्रमण अपने अस्ताचल की ओर होगा। होलिका दहन पर विशेष ग्रह योग से रोग, शोक और दोष का नाश तो होगा ही, दुश्मनों पर भी जीत मिलेगी।
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व्यापारियों के लिए भी शुभ समय
होली के बाद से बिजनेस करने वालों के लिए शुभ समय रहेगा तथा स्थितियां अनुकूल होगीं और फायदे वाला समय रहेगा। इस साल टैक्स वसूली बढ़ सकती है। साथ ही विदेशी मुद्रा के आगमन में भी वृद्धि होने का योग बनेगा। शेयर तथा रियल स्टेट से जुड़े लोगों का अनुकूल समय प्रारम्भ हो सकता है। महंगाई पर अकुंश लगने की भूमिका बनेगी और मंदी खत्म होने की भी उम्मीद जगेगी।
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