मंडी: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान राहत एवं पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर भेजने, बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने और प्रभावित इलाकों में सड़क, बिजली, पानी और मोबाइल नेटवर्क को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। गुरुवार को मंडी में राहत एवं पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को करीब 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें अकेले जल शक्ति विभाग को एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने कहा कि विभाग अगले 24 घंटों में मंडी शहर में सामान्य जलापूर्ति बहाल करने के प्रयास कर रहा है। लेकिन, बाढ़ के कारण 82 करोड़ की उहल पेयजल योजना प्रभावित होने से समस्या विकराल हो गई है। इसे सुचारु बनाने के लिए पूरा कार्यबल और मशीनरी जुटी हुई है। इसके अलावा पड्डल पेयजल योजना को भी काफी नुकसान हुआ है। इसे बहाल करने के लिए सरकार ने तत्काल दो करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं। इसके पुनर्निर्माण के साथ लोगों को पानी की सुचारू आपूर्ति के लिए नई मशीनरी की खरीद की गई है, इससे शहर के लिए पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था बहाल हो जाएगी।
जलशक्ति विभाग को सबसे बड़ा नुकसान
अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आई बाढ़ में जल विभाग को सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा है। विभाग की 10 हजार योजनाओं में से करीब 50 फीसदी योजनाएं बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की अधिकतर योजनाएं नदी के किनारे हैं। बाढ़ के कारण पंप हाउस, मशीनरी, लाइनें, स्रोत नष्ट हो गए हैं। पंप हाउस में गाद भर जाने से परिचालन ठप हो गया है। ऐसी विकट परिस्थिति में जलापूर्ति बहाल करना एक कठिन चुनौती है। लेकिन सरकार इस चुनौती से पार पाने के लिए पूरी ताकत से काम कर रही है। विभाग के अधिकारी दिन-रात की परवाह किये बिना चौबीसों घंटे फील्ड में डटे हुए हैं।
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टैंकर और सार्वजनिक नल से आपूर्ति की जाएगी
उपमुख्यमंत्री अग्निहोत्री (Deputy CM Mukesh Agnihotri) ने कहा कि पेयजल योजनाओं के बहाल होने तक जल शक्ति विभाग मंडी शहर में टैंकर और सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। विभाग ने शहर में जलापूर्ति के लिए 60 टैंकर चलाये हैं. साथ ही चिन्हित स्थानों पर सार्वजनिक नल के माध्यम से पेयजल आपूर्ति करने का प्रयास किया गया है।
40 हजार पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ से कुल्लू मनाली क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सरकार ने सड़कें बंद होने के कारण फंसे पर्यटकों को निकालने के लिए बड़े पैमाने पर निकासी अभियान शुरू किया है। कल 40,000 पर्यटकों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की गई है। अन्य लोगों को सुरक्षित घर भेजने की समुचित व्यवस्था की जा रही है।
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