प्रदेश हरियाणा

हरेरा ने एम3एम बिल्डर पर ठोंका तीन करोड़ रुपये जुर्माना, जानिए क्या है मामला

14_09_2018-bilders_18425080

गुरुग्राम: हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी गुरुग्राम ने एम3एम प्राइवेट लिमिटेड ने अंपजीकृत परियोजनाओं के विज्ञापन देकर हरेरा के नियमों का उल्लंघन किया। इस ऐवज में हरेरा ने एम3एम बिल्डर पर 3 करोड़ रुपये का जुर्माना ठोंका है।

हरेरा की ओर से एम3एम को बार-बार निर्देशों के बावजूद अपनी अपंजीकृत परियोजनाओं के विज्ञापन के लिए अवहेलना में शामिल पाया गया। मामले का संज्ञान लेते हुए अथॉरिटी ने एम3एम पर उनके सेक्टर-89 स्थित प्रोजेक्ट सिटी ऑफ ड्रीम्स नामक परियोजना में बुटीक फ्लोर्स के विज्ञापन के लिए 2.5 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। इसके अलावा सेक्टर-61 स्थित एक अन्य परियोजना स्मार्ट वल्र्ड फ्लोर्स के लिए 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही सेक्टर-61 स्थित स्मार्ट वर्ल्ड डेवेलपर्स और सुपोशा रियलकॉन प्राइवेट पर भी 50-50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।

हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के अध्यक्ष डॉ. के के खंडेलवाल के मुताबिक अथोरिटी के संज्ञान में आया कि बहुत से प्रोमोटर व बिल्डर बगैर रजिस्ट्रेशन के बिना रियल एस्टेट परियोजना के विज्ञापन दे देते हैं। प्रमोटर अपनी अपंजीकृत परियोजनाओं का विज्ञापन सीधे या अपने चैनल पार्टनर/रियल एस्टेट एजेंटों के माध्यम से करवा रहे हैं। रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए सभी कमर्शियल या आवासीय परियोजनाओं को लॉन्च करने से पहले पंजीकृत करना अनिवार्य बनाता है।

यह भी पढ़ेंः-महंत अवैद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय का सीएम योगी ने किया लोकार्पण, इसी सत्र से शुरू होंगी कक्षाएं

यह देखा गया है कि प्रमोटर अपनी परियोजनाओं को पंजीकृत नहीं करवा रहे हैं, बल्कि निवेशकों को निवेश के लिए लुभाने के लिए उन्हें बाजार में विज्ञापित करवा रहे हैं। डॉ. केके खंडेलवाल की अध्यक्षता में समीर कुमार और विजय कुमार गोयल व सदस्यों ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया और प्रमोटरों के इस तरह के गैर-पेशेवर आचरण पर नाराजगी और असंतोष व्यक्त किया। निर्णय लिया गया कि ऐसे प्रमोटरों को कड़ी तरह दंडित किया जाना चाहिए। डॉ. खंडेलवाल का कहना है कि हरेरा गुरुग्राम आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए रियल एस्टेट प्रमोटरों और एजेंटों पर कड़ी निगरानी रख रहा है। उन्हें ऐसी परियोजनाओं में अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने से बचाता है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)