शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण जगह-जगह हो रहे भूस्खलन (Himachal Landslide) समस्या बनती जा रही है। भूस्खलन के कारण कई सड़कें अवरुद्ध होने से यातायात प्रभावित हुआ है। मानसून सीजन के दौरान पिछले छह दिनों में भूस्खलन (Himachal Landslide) की नौ घटनाएं सामने आई हैं। इस दौरान 41 घर क्षतिग्रस्त हो गये और पांच घर तथा दो दुकानें पूरी तरह से ध्वस्त हो गयीं। इनके अलावा 36 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है और 21 गौशालाएं भी ढह गई हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि राज्यभर में भूस्खलन (Himachal Landslide) के कारण अब तक 30 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जबकि 88 ट्रांसफार्मर बंद हैं और जल शक्ति विभाग की 11 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। भारी बारिश से मंडी जिले में 13, शिमला में 11, कांगड़ा और कुल्लू में दो-दो और चंबा और सिरमौर में एक-एक सड़कें अवरुद्ध हो गईं। इसके अलावा चंबा जिले में 88 ट्रांसफार्मर खराब हो गए हैं। पांगी उपमंडल में 66 और डलहौजी में 22 ट्रांसफार्मर खराब हैं। शिमला में नौ और कुल्लू जिले में दो जल आपूर्ति परियोजनाएं भी प्रभावित हैं।
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विभाग के मुताबिक, पिछले छह दिनों में बारिश के कारण पांच घर और दो दुकानें पूरी तरह नष्ट हो गईं, जबकि 36 घरों को आंशिक क्षति हुई है। बारिश के कारण 21 गौशालाएं भी ढह गईं। हिमाचल में भारी बारिश से अब तक 219 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है। मानसून सीजन के छह दिनों में बारिश जनित हादसों में अब तक 20 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से सबसे ज्यादा सात मौतें शिमला जिले में हुई हैं। हमीरपुर और मंडी में तीन-तीन, चंबा और सोलन में दो-दो और कांगड़ा, कुल्लू और ऊना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई। हादसों में दो लोग लापता भी हैं।
मौसम विभाग ने 3 जुलाई तक राज्य में मौसम खराब रहने की आशंका जताई है। हालांकि, इस दौरान कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट जारी नहीं किया गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान बारिश की रफ्तार में कमी आई है। सुंदरनगर में 21 मिमी, कुफरी और बरठीं में 13-13 मिमी, धौलाकुआं में 11 मिमी, नाहन में 7 मिमी, कांगड़ा में 4 मिमी, धर्मशाला में 3 मिमी और शिमला में 2 मिमी बारिश हुई।
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