लाइफस्टाइल हेल्थ

सर्दी में बढ़ जाती है हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर समस्या, बरतें ये सावधानियां

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लखनऊः ठंड के मौसम का आगाज हो चुका है। इस मौसम में बीमारियां कम सताती हैं। इसलिए चिकित्सक इसे हेल्दी सीजन कहते हैं। लेकिन हृदय और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ठंड में अधिक सावधानी रखनी जरूरी होती है।

न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे चला गया है। ऐसे में दिल के मरीजों को इसमें खासतौर पर ख्याल रखने की जरूरत है। क्योंकि इन दिनों दिल की धमनियां सिकुड़ जाती हैं जिससे दिल में रक्त और ऑक्सीजन का संचार कम होने लगता है और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में सुबह की सैर करने से भी परहेज करें। शाम को व्यायाम कर सकते हैं। इसके साथ ही इन दिनों खाना-पीना भी बढ़ जाता है। लेकिन तेलीय और चिकनाई वाले खानपान से परहेज करनी चाहिए, नमक कम खाएं। सिविल सर्जन डॉ. अवधेश कुमार ने मंगलवार को बताया कि फिलहाल अभी मौसम में बदलाव से वायरल बुखार व सर्दी-जुकाम की समस्या हो रही है। लेकिन सर्दी बढ़ने पर ब्लड प्रेशर या दिल की बीमारी से पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।

सिविल सर्जन ने बताया कि ठंड के दिनों में पसीना नहीं निकलता है तथा इस कारण शरीर में नमक का स्तर बढ़ जाता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। सर्दी में शारीरिक गतिविधियां भी कम हो जाती हैं। लोग व्यायाम करने से भी कतराते हैं जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना रहती है। खून की धमनियों में सिकुड़न की वजह से खून में थक्का जमने की आशंका रहती है जो हृदय के रोगियों के लिए परेशानी का कारण बनती है। सिविल सर्जन ने कहा कि ठंड में खून का दौरा (ब्लड सर्कुलेशन) कम हो जाता और इसलिए रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इस कारण दिल के मरीजों में हार्टअटैक की संभावना बढ़ जाती है। हृदय रोगियों के लिए आवश्यक है कि इस मौसम में कुछ बातों का खास ख्याल रखें। थोड़ा बहुत शारीरिक व्यायाम अवश्य करें। इसके लिए 'रूल ऑफ फोर' के अनुसार व्यायाम करना चाहिए। इस रूल के मुताबिक हृदय रोगियों को सप्ताह में चार दिन में कुल चालीस मिनट में चार किमी तेज चाल से चलने से लाभ होता है। ध्यान रखना चाहिए कि वातावरण अधिक ठंडा न हो।

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सिविल सर्जन ने कहा कि वर्तमान में कोरोना वायरस से बचने के लिए कोई दवाई मौजूद नहीं है। आप इससे बचने के लिए कुछ चीजें कर सकते हैं। अपने हाथों को ज्यादा साबुन और पानी के साथ कम से कम 20 सेकेंड तक धोएं। बिना धुले हुए हाथों से अपनी आंखों, नाक या मुंह को न छूएं। जो लोग बीमार हैं, उनके ज्यादा नजदीक न जाएं।