हिसारः लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के पशु शल्य चिकित्सा एवं रेडियोलॉजी विभाग की पशु नेत्र विज्ञान इकाई में एक अंधे बंदर का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन किया गया। पूरे हरियाणा में किसी बंदर का यह पहला मोतियाबिंद ऑपरेशन है। विभागाध्यक्ष डॉ. आरएन चौधरी ने गुरुवार को बताया कि लुवास के कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में काम करते हुए टीम ने यह सफलता हासिल की है।
सफल रही सर्जरी
उन्होंने बताया कि हांसी में इस बंदर को करंट लग गया था और मुनीश नामक व्यक्ति ने इसे बचाया था। शुरुआत में इसके शरीर पर जलने के कई घाव थे। यह चलने में असमर्थ था। कई दिनों की सेवा और उपचार के बाद जब बंदर चलने लगा तो उन्होंने पाया कि बंदर अंधा है। इसके बाद बंदर के मालिक इसे उपचार के लिए लुवास के सर्जरी विभाग में लेकर आए। पशु नेत्र विज्ञान इकाई में जांच के बाद डॉ. प्रियंका दुग्गल ने पाया कि बंदर की दोनों आंखों में सफेद मोतियाबिंद हो गया है। एक आंख का विट्रस भी क्षतिग्रस्त हो गया था। ऐसे में दूसरी आंख की सर्जरी की गई और सर्जरी के बाद बंदर को दिखाई देने लगा। बंदर की रोशनी वापस आते देख पशु प्रेमी मुनीश और उनके दोस्तों ने सर्जरी करने वाली टीम का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
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नए आयाम स्थापित करने का संदेश
डॉ. प्रियंका और उनकी टीम भी सर्जरी की सफलता से बेहद उत्साहित हैं। कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार वर्मा, डीन डॉ. गुलशन नारंग और शोध निदेशक डॉ. नरेश जिंदल ने पशु कल्याण और बंदर में फेकोएमल्सीफिकेशन के माध्यम से मोतियाबिंद की सफल सर्जरी के लिए सर्जरी करने वाली टीम को बधाई दी और भविष्य में पशु चिकित्सा और पशु कल्याण में नए आयाम स्थापित करने का संदेश दिया।
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