चंडीगढ़ः नारनौल सड़क हादसे में स्कूल प्रबंधकों की बड़ी लापरवाही सामने आई है। पिछले महीने ही हरियाणा परिवहन विभाग ने बस के कागजात पूरे न होने पर स्कूल प्रबंधक पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
पिछले महीने ही लगाया था जुर्माना
हरियाणा के परिवहन मंत्री असीम गोयल ने गुरुवार को चंडीगढ़ में कहा कि महेंद्रगढ़ के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे में प्रबंधकों की लापरवाही सामने आई है। मार्च माह में आरटीए की ओर से चलाए गए चेकिंग अभियान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त स्कूल बस के दस्तावेज पूरे न होने पर 15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसके बावजूद यह स्कूल बस नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से बच्चों को ले जा रही थी।
असीम गोयल ने बताया कि चेकिंग अभियान के दौरान संबंधित स्कूल की बसें मानकों पर खरी नहीं उतरीं। जुर्माने के बाद भी मैनेजर ने बस के कागजात पूरे नहीं किए। इसकी जांच के लिए एक कमेटी बनाई गई है। साथ ही उन अधिकारियों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जिन्होंने जुर्माना लगाने के बाद यह जांच नहीं की कि बस के पास फिटनेस सर्टिफिकेट है या नहीं।
यह भी पढ़ेंः-दर्दनाक ! हरियाणा में बस पलटने से सात बच्चों की मौत, 15 घायल, नशे में था ड्राइवर
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के नारनौल में गुरुवार सुबह हुए भीषण बस हादसे में अब तक 7 बच्चों की मौत हो गई। इस बस हादसे ने प्रशासनिक व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर दिए। ये स्कूली बस नियमों को ताक पर रखकर चलाई जा रही थी। नारनौल जिले के कनीना ब्लॉक के उन्हाणी गांव में गुरुवार सुबह एक स्कूल बस पलटने से सात बच्चों की मौत हो गई और 15 बच्चे घायल भी हो गए। हरियाणा की शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा ने जिला उपायुक्त से रिपोर्ट मांगी है।
जांच में जुटी पुलिस
पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है। कनीना स्थित यह स्कूल करीब 22 साल पुराना है, जो 12वीं कक्षा तक संचालित होता है। इस स्कूल के मालिक राजेंद्र लोढ़ा हैं, जो कई राजनीतिक दलों से जुड़े हैं। लोढ़ा नगर पालिका कनीना के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हरियाणा में ईद की छुट्टी के बावजूद स्कूल खुले थे। पुलिस फिलहाल मामले की गहनता से जांच कर रही है लेकिन परिवहन मंत्रालय के आधिकारिक मोबाइल ऐप के मुताबिक इस स्कूल बस के दस्तावेज भी पूरे नहीं हैं।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)