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छत्तीसगढ़ के तटों की बदल रही तस्वीर, नदियों के किनारे छा रही हरियाली

Farmers' income will increase from trees, Chhattisgarh government will do commercial plantation on 30 thousand acres of land

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नदियों को हरा-भरा बनाने के लिए चले अभियान ने तटों की तस्वीर बदलने की शुरूआत हो गई है। यहां की 26 नदियों के किनारों का नजारा बदल गया है, क्योंकि यहां हरियाली नजर आने लगी है। राज्य में चालू वर्षा ऋतु के दौरान 'नदी तट वृक्षारोपण' कार्यक्रम के तहत 26 विभिन्न नदियों के तट पर लगभग 15 लाख 41 हजार पौधों का रोपण किया गया। इसके रोपण से नदी तट के एक हजार 400 हेक्टेयर रकबा में हरियाली छाने के साथ फल-फूल के पौधों से सुरभित होगा जो जो विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगा।

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इन नदी के तटों पर रोपण कैम्पा तथा विभागीय मद सहित नदी तट वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत किया गया है। नदी तट रोपण कार्यक्रम के तहत चालू वर्ष के दौरान शामिल नदियों में शिवनाथ, फुलकदेई, केंदई, लीलागर नदी, महानदी, हसदेव, आगर, रेड नदी, मेघानाला, झींका नदी, मोरन, सोंढूर, बांकी नदी, गलफुला, हसदो नदी, नेउर नदी, केवई, खटम्बर, भैसुन, चूंदी, भवई नदी, बनास नदी, रांपा नदी तथा भुलू नदी आदि शामिल हैं।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि इनमें से बिलासपुर वृत्त अंतर्गत बिलासपुर, मरवाही, कोरबा, धरमजयगढ़ तथा जांजगीर-चांपा वन मंडल स्थित आठ नदियों के 263 हेक्टेयर रकबा में दो लाख 89 हजार पौधों का रोपण किया गया है। इसी तरह कांकेर वृत्त अंतर्गत चार नदियों के 19 हेक्टेयर रकबा में 20 हजार 595 पौधे तथा रायपुर वृत्त अंतर्गत दो नदियों के 29 हेक्टेयर रकबा में 31 हजार 900 पौधों का रोपण किया गया है। इसके अलावा सरगुजा वृत्त अंतर्गत सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया तथा मनेन्द्रगढ़ वन मंडल स्थित 12 नदियों के 1 हजार 76 हेक्टेयर रकबा में 11 लाख 84 हजार पौधों का रोपण किया गया है।

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