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सफर को अधिक सुरक्षित बनाएंगे जीपीएस और पैनिक बटन

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लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में निर्भया फंड से जीपीएस और पैनिक बटन लगाए जाएंगे। रोडवेज की 11,500 बसों में यह डिवाइस लगाई जाएगी। यात्रियों का सफर सुरक्षित हो, इस मकसद से यह कदम उठाया गया है, वहीं करोड़ों के बजट से बसों में लगाए गए व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस) और पैनिक बटन मात्र शोेपीस बनकर रह गए हैं। वीटीएस और पैनिक बटन बसों में लगे तो हैं, मगर इनसे किसी प्रकार की सहायता हो पाएगी, इसकी उम्मीद रखना बेमानी है। वजह है कि पैनिक बटन से डायल 112 सर्वर का कनेक्शन ही टूट चुका है। वहीं कंपनी का ठेका निरस्त होने से व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम यानी (वीटीएस) भी बेकार हो गई हैं। गौरतलब है कि 50 पिंक बसों में पैनिक बटन व रोडवेज की एसी और साधारण बसों में वीटीएस डिवाइस लगी है। परिवहन निगम के अधिकारियों की मानें तो ट्राईमैक्स कंपनी ने सभी बसों में वीटीएस डिवाइस लगाई थी, लेकिन अब कंपनी का ठेका खत्म हो चुका है। बसों में लगे वीटीएस सात साल पुराने हो चुके हैं और काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में अब अच्छी क्वाॅलिटी की डिवाइस लगाई जाएगी। परिवहन निगम की सभी बसों में जल्द ही पैनिक बटन लगाए जाएंगे। इससे सफर के दौरान अगर किसी तरह की समस्या होती है, तो पैनिक बटन प्रेस करते ही उसे सहायता उपलब्ध हो जाएगी। अभी तक महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर निर्भया फंड से 50 पिंक बसों में ही पैनिक बटन लगाए गए हैं, वहीं अब सभी बसों में पैनिक बटन और जीपीएस लगाने के लिए 51 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बीते दिनों हुई बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

कंट्रोल रूम से टूटा कनेक्शन पिंक बसों की तरह पैनिक बटन साधारण बसों और एसी बसों में भी लगेंगे, जबकि पिंक बसों में लगे पैनिक बटन अब मात्र शोपीस बनकर रह गए हैं। इसकी वजह यह है कि डायल 112 के सर्वर रूम से इसका कोई कनेक्शन नहीं रह गया है। ऐसे में पैनिक बटन दबाने पर भी कोई मैसेज कंट्रोल रूम तक नहीं पहुंचेगा और सहायता भी नहीं मिल सकेगी।

83 करोड़ रुपए से आई थीं पिंक बसें महिला सुरक्षा के मकसद से साल 2017 में निर्भया फंड से पिंक बसें खरीदी गई थीं। इसके लिए केंद्र सरकार ने परिवहन निगम को 83 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया था। इस बजट से महिला स्पेशल 50 पिंक बसें, 40 इंटरसेप्टर खरीदे गए थे। पिंक बसों को सीसीटीवी, डीवीआर और पैनिक बटन से लैस किया गया। इससे यात्रा के दौरान महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत होने पर पैनिक बटन के इस्तेमाल से सहायता मुहैया कराने की योजना थी।

हर सीट पर है पैनिक बटन पिंक बसों की खासियत यह है कि हर सीट पर पैनिक बटन लगा हुआ है। यह डायल 112 पुलिस गाड़ियों से जोड़ा गया था। पैनिक बटन को दबाते ही डायल 112 को सूचना मिल जाती थी और पुलिस सहायता के लिए तत्काल पहुंच जाती थी। साथ ही इसकी सूचना इंटरसेप्टर पर भी पहुंच जाएगी। सूचना मिलते ही इंटरसेप्टर पर तैनात अफसर भी सहायता के लिए मौके पर पहुंच जाते थे।

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एआईएस 140 स्पेसिफिकेशन की लगेगी डिवाइस रोडवेज बसों में वर्तमान में जो वीटीएस लगे हैं, वह बेकार हो चुके हैं। उनकी जगह जीपीएस डिवाइस लगाई जाएगी। सरकार ने अलग तरह के स्पेसिफिकेशन वाले जीपीएस लगाने का फैसला लिया है, जिसे एआईएस 140 नाम दिया गया है। इस संबंध में बीते दिनों हुई परिवहन निगम की बोर्ड बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है। इसके तहत बसों में पैनिक बटन लगाए जाएंगे। पैनिक बटन का फायदा यह होगा कि यात्री को अगर किसी तरह की सुरक्षा की दिक्कत होती है, तो इसे दबाते ही कंट्रोल रूम को सूचना पहुंच जाएगी और सहायता के लिए तत्काल पुलिस और परिवहन निगम के अधिकारी भी मौके पर पहुंच जाएंगे।