प्रयागराजः संगमनगरी में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ी से मेरा बहुत गहरा नाता है। उन्होंने कहा कि जब बच्चा गर्भ में होता है तब से लेकर उसके जन्म लेने और स्कूल जाने तक की जिम्मेदारी आंगनबाडी केंद्र की होती है। ये सभी कार्य हमारी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं द्वारा किये जाते हैं। राज्यपाल ने कंपोजिट विद्यालय अरैल, नैनी स्थित आंगनबाडी केंद्र पर राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत आंगनबाड़ी संसाधन किट के वितरण कार्यक्रम में यह बातें कहीं। उन्होंने आंगनबाडी कार्यकत्रियों के साथ संवाद भी किया।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले अधिकांश बच्चे निराश्रित, गरीब परिवारों से होते हैं और उनके पास अच्छे कपड़े और भोजन नहीं होता है, ऐसे बच्चों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनकी देखभाल करें और उन्हें समाज का हिस्सा बनाएं। उन्हें मुख्य धारा में शामिल किया जाए। राज्यपाल ने कहा कि बच्चे लिखने से ज्यादा देखकर सीखते हैं। हमारे यहां की परंपरा है कि हम किसी के घर खाली हाथ नहीं जाते। इसलिए मैं आपके लिए दो तरह की किट लेकर आयी हूं, जिसमें एक किट खेलने, विज्ञान, गणित पढ़ाने और क्रिएटिविटी के लिए दी जा रही है और दूसरी किट 200 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि छोटे बच्चे बहुत प्यारे होते हैं और वे भगवान के बहुत करीब होते हैं। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनमें कभी-कभी ऐसी प्रवृत्ति विकसित हो जाती है जो उन्हें गलत रास्ते पर ले जाती है। इसलिए हमें उनका खास ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्भधारण के बाद 8 वर्ष की आयु में हम अपने पूरे जीवन का 80 प्रतिशत सीखते हैं, शेष आयु में हम केवल 20 प्रतिशत ही सीखते हैं। इसलिए यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें ऐसा वातावरण उपलब्ध करायें जिससे वे अच्छे नागरिक बन सकें। राज्यपाल ने नैनी जेल में बंद महिलाओं के बच्चों के बारे में बात करते हुए कहा कि उन्हें बिना कोई अपराध किये सजा भुगतनी पड़ रही है।
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उन्होंने राजभवन से अपने साथ लायी 55 पुस्तकें विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूर्णिमा चौबे को दीं और कहा कि विद्यालय में एक पुस्तकालय बनायें और इन पुस्तकों को विद्यालय के बच्चों को उपलब्ध करायें। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने कहा कि राज्यपाल शिक्षक रह चुकीं हैं और राष्ट्रपति पुरस्कार से अलंकृत हुई हैं। आपने हमेशा महिला एवं बाल विकास के मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया है और महिला सशक्तिकरण और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने बच्चों को नंदी सेवा संस्थान द्वारा उपलब्ध कराये गये 50 निःशुल्क स्कूल किट प्रदान किये।
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