लखनऊः अरुणाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल डाॅ. माता प्रसाद का मंगलवार देर रात निधन हो गया। वह लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में भर्ती थे। प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करते हुये शोक संतप्त परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की है।
यह भी पढ़ें-कंगना ने ट्विटर के एससीओ को लिया आड़े हाथों, कहा-तुम्हारा जीना दुश्वार करके रहूंगी
पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद ने मंगलवार रात 12 बजकर 10 मिनट पर अंतिम सांस ली। उन्हें 19 जनवरी को एसजीपीजीआई में गम्भीर अवस्था में भर्ती कराया गया था। उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया। लेकिन, चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। माता प्रसाद का जन्म जौनपुर जिले के मछलीशहर तहसील क्षेत्र के कजियाना मोहल्ले में 11 अक्टूबर 1924 को हुआ था। साल 1942-43 में मछलीशहर से उन्होंने हिंदी-उर्दू में मिडिल परीक्षा पास की। गोरखपुर के एक स्कूल से ट्रेनिंग के बाद वह यहां के मड़ियाहूं ब्लॉक क्षेत्र के प्राइमरी स्कूल बेलवा में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हुए। इस दौरान उन्होंने गोविंद, विशारद के अलावा हिंदी साहित्य की परीक्षा पास की। उन्हें लोकगीत और गाने का शौक था। उनकी कार्य कुशलता को देखते हुए उन्हें 1955 में जिला कांग्रेस कांग्रेस कमेटी का सचिव बनाया गया था।
स्वर्गीय बाबू जगजीवन राम को अपना आदर्श मानने वाले माता प्रसाद जौनपुर जनपद के शाहगंज विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर 1957 से 1974 तक लगातार पांच बार विधायक रहे। 1980 से 1992 तक 12 वर्ष उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य रहे। प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में 1988 से 89 तक राजस्व मंत्री बनाया था। बाद में केन्द्र की नरसिंह राव सरकार ने उन्हें 21 अक्टूबर 1993 को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया और 31 मई 1999 तक वह राज्यपाल रहे। वह अपनी सादगीपूर्ण जीवन के कारण बेहद लोकप्रिय थे।