नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों से 30 दिसम्बर को वार्ता में शामिल होने का अनुरोध किया है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव संजय अग्रवाल ने सोमवार को आंदोलनरत 40 किसान संगठनों को पत्र लिख अमुरोध किया कि 30 दिसम्बर को दोपहर दो बजे विज्ञान भवन में केंद्रीय मंत्री स्तरीय समिति के साथ सर्वमान्य समाधान हेतु इस बैठक में भाग लें।
इससे पहले, दिनांक 24 दिसम्बर को कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने किसान संगठनों को पत्र लिख नए सिरे से वार्ता की पेशकश की थी। केंद्र सरकार की पेशकश पर विचार करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 दिसम्बर को ई-मेल भेज सरकार की बातचीत के अनुरोध को स्वीकार किया था और 29 दिसम्बर को वार्ता की तारीख तय की थी। किंतु, सरकार की ओर से 30 दिसम्बर की तारीख तय की गई है।
किसानों ने सरकार के सामने क्या शर्तें रखी हैं?
1-किसानों की पहली शर्त है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून रद्द करे।
2-दूसरी शर्त है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कानूनी गारंटी दी जाए।
3-तीसरे शर्त में बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग है।
4-चौथी शर्त है कि पराली कानून से किसनों को बाहर रखा जाए
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