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पर्यटन विकास निगम की 8 होटलों को निजी हाथों में सौंपेगी सरकार, जानिए क्या है पूरी योजना

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नई दिल्ली: भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) ने दिल्ली के 8 होटलों बेचने की योजना को अमलीजामा पहनाने की शुरूआत कर दी है। एनएमपी दस्तावेज के अनुसार, "आईटीडीसी के सभी आठ होटल को वित्त वर्ष 2021-22 से 2024-25 के दौरान बाजार में चढ़ाने के लिये विचार किया गया है। इसके तहत संपत्ति के स्तर पर उचित जांच-परख के तहत लंबी अवधि के पट्टे, विनिवेश, लंबी अवधि के ओएमटी अनुबंध मॉडल पर मामला दर मामला आधार पर विचार किया जा सकता है।"

एनएमपी के तहत दिल्ली के होटल अशोक को सब-लीज पर दिया जाएगा। वहीं अशोक के बगल में स्थित होटल सम्राट को निजी हाथों में सौंपा जाएगा और इसके लिए सरकार ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस एग्रीमेंट का सहारा लेगी। पुडुचेरी के होटल पौंडिचेरी अशोक जॉइंट लीजिंग के तौर पर मोनेटाइज किया जाएगा। इसी तरह भुवनेश्वर के होटल कलिंग और जम्मू के होटल जम्मू अशोक को कांट्रेक्ट मॉडल पर लीज पर दिया जाएगा। आईटीडीसी के आनंदपुर साहिब होटल को निजी कंपनी को दिया जाएगा और इसका मालिकाना हक भी सरकार निजी कंपनी को सौंपेगी।

केंद्र की मोदी सरकार ने इसके तहत संचालन और प्रबंधन के मुद्रीकरण पर एक कैबिनेट नोट तैयार किया है। वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार उन्हें उम्मीद है कि इस संबंध में उन्हें इस महीने के अंत तक कैबिनेट की मंजूरी भी मिल जाएगी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की तैयारी है कि साल 2022 से 2025 तक आईटीडीसी के सभी 8 होटलों को मोनेटाइज कर दिया जाए। लॉन्ग टर्म लीजिंग, विनिवेश, लॉन्ग टर्म ओएमटी कांट्रेक्ट के बारे में विचार किया जा रहा है, जिसे मोनेटाइजेशन के तहत अमली जामा पहनाया जाना है। आईटीडीसी में होटल अशोक ग्रुप फ्लैगशिप होटल चेन का दर्जा रखता है। पिछले 40-50 साल से इस ग्रुप ने अपनी ब्रांड वैल्यू स्थापित की है। इन होटलों में तमाम तरह के सरकारी कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सरकारी मंत्रालयों के कार्यक्रम इन्हीं होटलों में आयोजित किए जाते हैं।

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गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ समय पहले ही 6 लाख करोड़ की नेशनल मॉनिटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) का अनावरण किया, जिसमें ब्राउनफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर एसेट्स शामिल थीं। ऐसी परियोजनाएं जिन पर कुछ काम पहले हो चुका है लेकिन जो धन की कमी या दूसरे कारणों से रुकी हुई हैं- जिनका वित्त वर्ष 2024-25 में स्वामित्व नियंत्रण के बिना मुद्रीकरण किया जाएगा। दरअसल अशोक होटल एनएमपी का हिस्सा था। इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए एनएमपी ने कोई विशेष समय सीमा निर्धारित नहीं की थी। केंद्र ने निजी क्षेत्र के साथ मिलकर 2021-22 में सरकारी संपत्तियों के मुद्रीकरण से 88,000 करोड़ रुपए जुटाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।

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