
मुंबई: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शीतकालीन अधिवेशन में नया लोकायुक्त विधेयक लाया जाएगा। इस अधिवेशन में विदर्भ और मराठवाड़ा की समस्याओं को निपटाने पर जोर दिया जाएगा। विपक्ष की ओर से उठाये जाने वाले सभी मुद्दों का समुचित जवाब दिया जाएगा। नागपुर में सोमवार से शुरु हो रहे विधानमंडल का शीतकालीन सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित चाय-पान के बाद देवेंद्र फडणवीस पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि लोकायुक्त विधेयक की मांग बहुत पहले से की जा रही थी, लेकिन पिछली सरकार ने इसे कानूनी रूप देने का प्रयास नहीं किया था। इस विधेयक को कानूनी रूप मिलने पर राज्य सरकार के किसी भी मामले की जांच की जा सकती है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद उनकी सरकार के समय का नहीं है। यह विवाद कई वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन इसे जानबूझकर हवा देने का काम किया जा रहा है।
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देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विपक्ष इस अधिवेशन को सिर्फ दो सप्ताह का बता रहा है, जबकि अजीत पवार ने पिछले दो साल तक नागपुर में अधिवेशन नहीं किया था। देवेंद्र फडणवीस ने पिछली सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि अगर हमारी सरकार नहीं आती, तो अब तक महाराष्ट्र में कोरोना रहता। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन पर पिछली सरकार के काम को स्थगित करने का आरोप लगाया गया है, जबकि उन्होंने उन्हीं कामों को स्थगित किया था, जिनमें जरूरत से अधिक फंड की मंजूरी दी गई थी। हालांकि, 80 फीसदी अधिक स्थगित किए गए कामों को फिर से मंजूरी दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष चाहेगा, तो शीतकालीन अधिवेशन की अवधि एक सप्ताह तक बढ़ाने का विचार किया जाएगा।
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