भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर युवाओं को रोजगार दिवस के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि शिवराज सरकार रोजगार मेलों और रोजगार दिवस के नाम पर बेरोजगार युवाओं को गुमराह करना अब बंद करें, वर्षों से शिवराज सरकार इस तरह के आयोजन कर युवाओं को गुमराह करने का काम ही करती आयी है।
कमलनाथ ने सवाल पूछते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तो बताये कि पिछले 17 वर्षों से मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार है। इन 17 वर्षों में कितने युवाओं को अभी तक प्रदेश में रोजगार दिया गया है, वर्तमान में कितने सरकारी भर्ती के पद खाली हैं, कितने युवाओं ने प्रदेश में रोजगार के अभाव में अभी तक मौत को गले लगाया है ? पूर्व सीएम ने कहा कि जहां एक तरफ पंजीकृत बेरोजगारी का आंकड़ा 34 लाख को पार कर चुका है और वह निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। वही बात करें तो सरकारी भर्तियों में सवा लाख के करीब पद रिक्त हैं, बेकलॉग के पद भी अभी तक तमाम दावों के बावजूद भरे नही गये है। वही श्रम पोर्टल के अनुसार मध्यप्रदेश में असंगठित कामगारों का आंकड़ा 1.21 करोड़ तक पहुँच चुका है। उसके बाद भी इस तरह के आयोजन बेरोजगार युवाओं के साथ सिर्फ़ मजाक भर है।
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति का आँकलन इस बात से ही किया जा सकता है कि ग्वालियर और उज्जैन कोर्ट में चपरासी, ड्राइवर, माली व सफाई कर्मियों के कुल 40 पदों के लिए 20,000 से अधिक आवेदक पहुँचे, जिसमें से ज्यादातर उच्च शिक्षित थे। वही प्रदेश के ग्वालियर से लेकर बुंदेलखंड क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में रोजग़ार के अभाव में पलायन के आंकड़े सामने आए हैं।
नाथ ने कहा कि एक तरफ जहाँ मोदी सरकार ने दो करोड़ रोजगार प्रतिवर्ष देने का दावा किया था , वही शिवराज सरकार ने प्रतिमाह एक लाख रोजगार देने का दावा किया था , इन दावों व आंकड़ो के हिसाब से तो देश और प्रदेश में बेरोजगारी का आंकड़ा खत्म हो जाना चाहिए था लेकिन यह आंकड़ा तो दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है।
पूर्व सीएम ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा सरकार रोजगार के नाम पर सिर्फ गुमराह करने का काम कर रही है। रोजगार के अभाव में मध्यप्रदेश में बड़ी संख्या में युवाओं ने मौत को गले लगाया है। बढ़ती बेरोजगारी के कारण प्रदेश में अपराधिक घटनाओं में भी बढ़ोतरी हो रही है और बड़ी संख्या में शिक्षित युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो कोरोना संकट के कारण लोगों का व्यापार व्यवसाय चौपट हो चुका हैं, लोगों की नौकरियां जा चुकी है और अब बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े दिन प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं, वही शिवराज सरकार अभी भी युवाओं को रोजगार देने की बजाय गुमराह करने में ही लगी हुई है। इवेंट, अभियान, आयोजन प्रेमी शिवराज सरकार अभी भी रोजगार देने के बजाय रोजगार मेले, रोजगार दिवस के आयोजनों के नाम पर सरकारी पैसे को लुटा रही है।
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कमलनाथ ने सवाल साधते हुए कहा कि जिन स्वरोजगार योजनाओं के तहत युवाओं को ऋण वितरण के दावे किए जा रहे हैं, उन योजनाओं में आज भी हजारों आवेदन बैंकों में पेंडिंग है। युवा बैंकों में चक्कर लगा रहे है। सरकार बताये कि प्रदेश में अभी तक कितने सरकारी पद रिक्त हैं, उसको लेकर सरकार ने क्या कार्ययोजना बनायी है, कब उन पदों को भरा जाएगा? पिछले रोजग़ार मेले में कितने युवाओं को रोजग़ार दिया गया, शिवराज सरकार के एक लाख रोजग़ार प्रतिमाह देने के दावे का क्या हुआ ?
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