चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षा विभाग के 12 हजार 710 अस्थायी शिक्षकों को नियमित करके और उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपकर शिक्षकों से किया अपना वादा पूरा किया है। उन्होंने घोषणा की कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों के 20,000 छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की जाएगी।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पद संभालने के बाद उन्होंने सभी कानूनी और प्रशासनिक बाधाओं को पार करते हुए अस्थायी शिक्षकों की सेवाओं को नियमित कर दिया है। मान ने कहा कि इस फैसले का उद्देश्य शिक्षकों के लिए सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करना है क्योंकि उनका मानना है कि अगर शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित होगा तभी वे छात्रों की किस्मत बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सम्मिलित प्रयासों से आज यह ऐतिहासिक दिन देखने को मिल रहा है। भगवंत मान ने कहा कि एक शिक्षक का बेटा होने के नाते वह शिक्षकों की समस्याओं को भली-भांति जानते हैं और शिक्षकों की सभी समस्याओं का समाधान करना उनका कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से इन शिक्षकों के नाम से 'कच्चा' शब्द हमेशा के लिए हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को छुट्टियों समेत अन्य लाभ के साथ हर साल पांच प्रतिशत वेतन वृद्धि दी जायेगी। मान ने कहा कि एक और ऐतिहासिक पहल करते हुए, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि शिक्षक केवल शिक्षण कार्य से संबंधित सेवाएं देंगे और उन्हें किसी भी गैर-शिक्षण कार्य के लिए ड्यूटी पर नहीं लगाया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्य में जनगणना के लिए 66 हजार शिक्षकों की मांग की थी, जिस पर उन्होंने साफ इनकार कर दिया। इसके लिए केंद्र सरकार से बेरोजगार युवाओं को भर्ती करने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े घरों में रहने वाले नेता ऐसे फैसले नहीं ले सकते क्योंकि उन्हें जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट में 12 हजार लड़कियों और 8 हजार लड़कों समेत 20 हजार छात्र शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए इस योजना के लिए 21 करोड़ रुपये का बजट पारित किया गया है। मान ने कहा कि इन बसों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा ताकि मूल बसों की आवाजाही पर नज़र रखी जा सके। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।
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