फीचर्ड पंजाब

Punjab: पंजाब के लोगों के लिए खुशखबरी ! अब घर-घर पहुंचेगा राशन, मान सरकार ने होम डिलीवरी की दी मंजूरी

Punjab- Bhagwant Mann
राशन

चंडीगढ़ः पंजाब के लोगों को घर-घर राशन मुहैया करवाने की वचनबद्धता के साथ भगवत मान सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए 1 अक्तूबर से आटा (राशन) की होम डिलीवरी सेवा शुरू करने को मंजूरी दे दी है। इस योजना को राज्यभर में एक ही चरण में लागू किया जायेगा। योजना को लागू करने के लिए पूरे राज्य को आठ ज़ोनों में बांटा गया है। पंजाब के खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों संबंधी मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने रविवार को बताया कि इस स्कीम के अंतर्गत सरकार की तरफ से एनएफएसए के अधीन रजिस्टर हरेक लाभार्थी को आटा की होम डिलीवरी का विकल्प दिया जायेगा। कोई भी लाभार्थी जो ख़ुद डिपो से गेहूं लेना चाहता है, उसके पास मुफ़्त में उचित आईटी दखल के साथ इसकी चयन करने का विकल्प होगा। राशन का वितरण अब तिमाही की जगह महीनावार ढंग से किया जायेगा।

ये भी पढ़ें..तिरंगे के रंग में रंगे एमएस धोनी, इंस्टाग्राम पर बदली अपनी प्रोफाइल फोटो

मंत्री ने कहा कि होम डिलीवरी सेवा मोबाइल फेयर प्राइस शॉप्स (एमपीएस) की धारणा को पेश करेगी। मंत्री ने आगे कहा कि एमपीएस एक ट्रांसपोर्ट वाहन होगा, जिसमें अनिवार्य रूप से जीपीएस सुविधा और कैमरे लगे होंगे जिससे लाभार्थी को आटा सौंपने को लाइव स्ट्रीम किया जा सके। उन्होंने आगे कहा कि इस वाहन में अनिवार्य रूप से भार तोलने की सुविधा होगी, जिससे लाभार्थी को आटा की डिलीवरी से पहले इसके वजऩ के बारे में संतुष्ट किया जा सके। एमपीएस वाहन में बायोमीट्रिक सत्यापन, लाभार्थी को सौंपने के लिए प्रिंट की गई वजऩ स्लिप आदि सभी अनिवार्य ज़रूरतें प्रदान की जाएंगी। एनएफएसए के तहत एमपीएस को ‘फेयर प्राइस शॉप्स’ जैसा दर्जा दिया जायेगा। सिफऱ् एमपीएस ही आटा की होम डिलीवरी की सुविधा प्रदान करेंगे।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एनएफएसए के लाभार्थियों को आटा की सफलतापूर्वक होम डिलीवरी के लिए ज़रूरी सभी गतिविधियों के लिए मार्कफैड ने स्पेशल पर्पस व्हीकल तैयार किया जायेगा। राज्य सरकार गेहूं को आटा में पीसने का सारा खर्चा ख़ुद वहन करेगी, चाहे एनएफएसए के दिशा-निर्देशों के अनुसार यह खर्चा लाभार्थी से वसूलने के लिए कहा गया है। कटारूचक्क ने कहा कि इस नयी सेवा के साथ स्थानीय आटा चक्की से गेहूं को आटा में पीसने के लिए आने वाले खर्च के सम्बन्ध में लाभार्थियों को लगभग 170 करोड़ रुपये की बचत होने की संभावना है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)