पंचकूलाः हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में ई-विधानसभा की झलक देखने को मिलेगी। विधानसभा में विधायकों के सामने टैबलेट की स्क्रीन नजर आएगी। इसे अपनाने में शुरूआत में झिझक जरुर होगी लेकिन धीरे-धीरे प्रयास करेंगे तो इसमें पारंगत होंगे। उन्होंने कहा कि ई-विधानसभा पर्यावरण के नाते से भी उपयोगी साबित होगी, यह व्यवस्था विधानसभा को पेपरलैस बनाएगी। इससे कागज की बचत होगी और पेड़ बचाए जा सकेंगे।
मुख्यमंत्री गुरुवार को पंचकूला में हरियाणा विधानसभा द्वारा नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को लेकर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ई-विधानसभा के लिए हरियाणा विधानसभा द्वारा बढ़ाया गया कदम मील का पत्थर साबित होगा। आज सारी दुनिया डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रही है। आज कंप्यूटर के युग ने जीवन को सरल कर दिया है।
सभी विभागों में कंप्यूटर से कार्य हो रहा है। हमें नई पीढ़ी के साथ चलना है तो कंप्यूटर का इस्तेमाल करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दुनियाभर के एप्लीकेशन हमारे फोन में हैं। इसी तरह हमें ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) को भी सीखना है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (नीवा) के माध्यम से हम हरियाणा की विधानसभा ही नहीं बल्कि लोकसभा के साथ-साथ दूसरे राज्यों की विधानसभाओं के कामकाज को भी देख सकते हैं। इसके साथ ही दूसरी विधानसभाओं के कामकाज से तुलना भी कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में पेश किए जाने वाले बिल, नोटिफिकेशन, प्रश्न-उत्तर आदि के बड़े-बड़े कागज के बंडल उठाकर लेकर जाते थे लेकिन अब ये सभी हमारे टैबलेट की स्क्रीन पर मौजूद होगा। उन्होंने जोर दिया कि ई-विधानसभा की कार्यप्रणाली को सभी विधायकों की सीट पर बैठाकर एक मोक ई-सेशन के माध्यम से करवाया जाना चाहिए।
देश की 5वीं विधानसभा होगी डिजिटल: ज्ञानचंद गुप्ता
हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि इसके लिए 60 प्रतिशत खर्च हरियाणा सरकार करेगी जबकि 40 प्रतिशत खर्च संसदीय कार्य मंत्रालय द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बहुत सी विधानसभाएं डिजिटल हो चुकी हैं, इनमें हिमाचल, नागालैंड और उत्तर प्रदेश की विधानपरिषद शामिल हैं। हमारा प्रयास है कि हम भी इसमें पीछे न रहें।
ई-विधानसभा से मिलेगा लाभ: कंवरपाल
संसदीय कार्यमंत्री कंवरपाल ने कहा कि ई-विधानसभा एक महत्वपूर्ण कार्य है। कई प्रदेश इस कार्य में बहुत आगे निकल गए हैं। हिमाचल, नागालैंड और गोवा की विधानसभा पूरी तरह से डिजिटल और पेपरलैस हो चुकी हैं। इससे सिस्टम में काफी बदलाव आया है। विधानसभा के डिजिटल होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को बल मिलेगा। कंवरपाल ने कहा कि इस कार्यशाला में विधायक जो सीखकर जाएंगे, उनका टेस्ट आगामी विधानसभा सत्र में होगा। ई-विधानसभा में निश्चित तौर पर लाभ मिलेगा।
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