नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी में नेतृत्व के मुद्दे पर शुरू हुई खींचतान के बाद अब स्पष्टिकरण का दौर जारी है। पार्टी में संगठनात्मक बदलाव के लिए अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं में से एक-एक कर लोग अपना पक्ष रखने में लगे हैं। इस क्रम में अब गुलाम नबी आजाद ने साफ किया है कि उनकी मंशा सिर्फ पार्टी को मजबूत करने को लेकर थी। सोनिया और राहुल गांधी के कुशल नेतृत्व पर हमें कोई शक नहीं है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले 34 साल से वो कार्य समिति के सदस्य हैं और हमेशा से मेरी कोशिश पार्टी की मजबूती के लिए ही काम करने की रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक बात हमारे पत्र की है तो जिस भी नेता-कार्यकर्ता की कांग्रेस पार्टी में रुचि है वो हमारे प्रस्तावों का स्वागत करेगा। हालांकि कुछ लोग प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिट्ठी में प्रदेश, जिला, ब्लॉक आदि के अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए चुनाव होने की बात कही गई थी। इसी प्रकार कांग्रेस कार्य समिति में चुनाव को तरजीह देने की सलाह थी।
आजाद ने कहा कि 'अगर पत्र लीक हो भी गया तो इसमें विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं थी। पार्टी की मजबूती के लिए बात करते हुए चुनाव की बात कहना कोई राज नहीं है। वहीं उन्होंने सीडब्ल्यूसी बैठक की रनिंग कमेंट्री करने वालों को निशाने पर लेते हुए पूछा कि क्या वे अनुशासनहीनता नहीं कर रहे थे? पत्र लिखने के लिए हमें गालियां देने वालों ने अनुशासनहीनता नहीं की? उनके खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए?