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Boris Pistorius: भारत पहुंचे जर्मन रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह की उपस्थिति में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर

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Boris-Pistorius-visit-to- India नई दिल्लीः जर्मनी के रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस (Boris Pistorius) चार दिवसीय भारत दौरे पर दिल्ली पहुंच गए हैं। उन्होंने मंगलवार सुबह राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के दर्शन कर अपनी यात्रा की शुरुआत की। उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यहां पुष्पांजलि अर्पित की। बोरिस पिस्टोरियस आज दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। साथ ही औद्योगिक सहयोग पर ध्यान दिया जाएगा।

जर्मन रक्षा मंत्री का गर्मजोशी से हुआ स्वागत

जर्मन रक्षा मंत्री पिस्टोरियस (Boris Pistorius) एक प्रतिनिधिमंडल के साथ चार दिवसीय दौरे पर सोमवार को दिल्ली पहुंचे। भारत दौरे पर पहुंचे पिसेटोरियस को दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में राजनाथ सिंह की मौजूदगी में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। आज सुबह सबसे पहले वे भारतीय सशस्त्र बलों के नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक गए। भारत में जर्मन दूतावास ने ट्वीट किया, "भारत में जर्मन रक्षा मंत्री बोरिस पिस्टोरियस की टीम का गर्मजोशी से स्वागत है। आपको यहां पाकर बहुत खुशी हुई और दिल्ली और मुंबई में दो दिवसीय यात्रा का इंतजार है!" ये भी पढ़ें..Odisha Train Accident: सीबीआई ने शुरू की जांच, रेलवे को सिस्टम से छेड़छाड़ का शक पिस्टोरियस आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक पिस्टोरियस नई दिल्ली में इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (आई-डेक्स) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कुछ रक्षा स्टार्टअप से मिलेंगे। वह 7 जून को मुंबई जाएंगे, जहां पश्चिमी नौसेना कमान मुख्यालय और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड का दौरा करेंगे। जर्मनी के रक्षा मंत्री ने अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा से पहले जकार्ता में कहा कि रूसी हथियारों पर भारत की निरंतर निर्भरता जर्मनी के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे हमें अन्य साझेदारों के साथ मिलकर सुलझाना है, लेकिन हमारा कोई हित नहीं हो सकता है कि भारत हथियारों या अन्य सामग्रियों की आपूर्ति के लिए रूस पर इतना निर्भर है। पिस्टोरियस ने कहा कि जर्मनी भारत और इंडोनेशिया जैसे भागीदारों का समर्थन करने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत और जर्मनी के बीच द्विपक्षीय संबंध सामान्य लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर स्थापित हैं और उच्च स्तर के विश्वास और आपसी सम्मान द्वारा चिह्नित हैं। दरअसल भारत द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी के साथ राजनयिक संबंध बनाने वाले पहले देशों में शामिल था। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)