जगदलपुर: इन दिनों बस्तर के जंगलों में पतझड़ के चलते सूखे पत्तों और लकड़ियों की भरमार है। तापमान में वृद्धि से सूखे पत्ते जरा सी चिंगारी से सुलग उठता है और जंगलों में आग लग जाती है। यही वजह है कि कोलेंग के घने जंगलों में आग लग गई थी, जिस पर काबू कर लिया गया था। बस्तर वन मंडल द्वारा जंगलों में आगजनी की घटनाओं को रोकने पर्याप्त संख्या में फायर वाॅचर नियुक्त किए हैं। इसके अलावा जगह-जगह पर फायर लाइन खींच कर आग को रोकने का इंतजाम किया गया है।
जंगलों में महुआ के सीजन में आगजनी की घटना बढ़ जाती है। महुआ एकत्रित करने ग्रामीण अलसुबह जंगलों में पहुंच जाते हैं और महुआ पेड़ के नीचे से साफ सफाई के लिए सूखे पत्तों में आग लगा देते हैं, इससे कई बार जंगल में आग फैल जाती है।
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कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर धम्मशील गणवीर ने बताया कि कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में जंगल को आग से बचाने पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किया गया है। जगह-जगह वाॅच टावर में फायर वाचर रखे गए हैं तथा फायर लाइन खींचा गया है। इसके अलावा जंगल में आग के नियंत्रण की व्यवस्था की गई है।
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