नई दिल्लीः जी20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन और उससे प्राप्त परिणामों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण ने शिखर सम्मेलन को आने वाले वर्षों में विकास और प्रगति के लिए एक स्पष्ट दिशा दी है। शिखर सम्मेलन के अंत में ट्वीट करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन और इसकी द्विपक्षीय बैठकें आज नई दिल्ली में संपन्न हुईं।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली घोषणा से पता चलता है कि हमारी अध्यक्षता विचारों को आगे बढ़ाने, वैश्विक मुद्दों को आकार देने, विभाजन को पाटने और आम सहमति बनाने में सक्षम थी। हमने ग्लोबल साउथ पर फोकस बनाए रखा।'' हमने समकालीन उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अपनी सभ्यतागत विरासत का प्रदर्शन किया। शुरू की गई ऐतिहासिक पहलों में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) शामिल हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी-20 से 5 बड़े नतीजे सामने आए हैं। ये हैं ग्रीन ग्रोथ पैक्ट, सतत विकास लक्ष्यों पर कार्य योजना, भ्रष्टाचार के खिलाफ उच्च स्तरीय सिद्धांत, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के लिए समर्थन और बहुपक्षीय विकास बैंकों का सुधार। उन्होंने कहा, इसके अलावा, अफ्रीकी संघ की जी20 सदस्यता एक बड़ी उपलब्धि थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़ी तीसरी और आखिरी बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने पिछले दिन अपनाई गई घोषणा की समीक्षा के लिए नवंबर में वर्चुअल माध्यम से एक बार फिर शिखर सम्मेलन आयोजित करने का भी प्रस्ताव रखा।
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इसके बाद प्रधानमंत्री ने दौरे पर आए विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक की। प्रधानमंत्री ने नीदरलैंड के राष्ट्रपति मार्क रूट, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा, यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़, से मुलाकात की। तुर्की के रेसेप तय्यिप एर्दुगान, कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।
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