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पंचतीर्थ स्नान के साथ धार्मिक नगरी पुष्कर में शुरू हुआ पांच दिवसीय कार्तिक मेला

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अजमेरः धार्मिक नगरी पुष्कर का पांच दिनों तक चलने वाला करती मेला पंचतीर्थ स्नान के साथ रविवार से शुरू हो गया है। तिथि क्षय के कारण इस वर्ष स्नान के छठवें दिन भी विशेष धार्मिक महत्व रहेगा। देवउठनी एकादशी के दिन श्रद्धालुओं ने सरोवर में डुबकी लगाकर पूजा-अर्चना की। दो वर्षों के अंतराल के बाद धार्मिक मेले में श्रद्धालुओं की संख्या भी अधिक रही। पंचतीर्थ स्नान के पहले दिन अलसुबह से ही श्रद्धालुओं का पुष्कर पहुंचना शुरू हो गया। सर्दी के कारण सुबह के समय भीड़ कम ही रही। हजारों श्रद्धालुओं व साधु-संतों की ओर से ब्रह्म सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया जाएगा।

इस धार्मिक मेले का समापन 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पर होने वाले महा स्नान के साथ होगा। रविवार अलसुबह ब्रह्म मुहूर्त के साथ पंचतीर्थ स्नान आरंभ हुआ। मुख्य रूप से गऊ घाट, ब्रह्म घाट एवं वराह घाट पर स्नानार्थियों का तांता लगा है। स्नान के बाद धर्म प्रेमी सरोवर की परिक्रमा लगा ब्रह्मा मंदिर समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन कर दान कर पुण्य कर रहे हैं। मेलार्थियों की सुविधा एवं सुरक्षा के लिए जिला एवं पुलिस प्रशासन ने माकूल इंतजाम किए गए है। सर्दी के कारण सुबह के समय भीड़ कम नजर आई लेकिन सूरज की रोशनी के साथ ही भीड़ बढ़ने लगी है। इस बार एक तिथि बढ़ने के कारण पंच तीर्थ स्नान पांच दिन की जगह छह दिन का होगा। रविवार को एकादशी व द्वादशी का स्नान हुआ। सोमवार को त्रयोदशी का स्नान होगा।

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मंगलवार को ब्रह्म चतुर्दशी का स्नान होगा। इस दिन साधु-संत सरोवर में शाही स्नान करेंगे। प्राचीन ग्रंथों के अनुसार कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तक जगत पिता ब्रह्माजी ने पुष्कर में ही सृष्टि यज्ञ किया था। इन दिनों में तैंतीस करोड़ देवी-देवता पुष्कर तीर्थ में ही विद्यमान रहते हैं तथा सरोवर में पंचतीर्थ स्नान करने मात्र से अक्षय फल की प्राप्ति होती है तथा सालभर के पापों से छुटकारा मिलता है। साथ ही सभी तीर्थों की यात्रा का फल मिलता है। एकादशी स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी और बाजारों में भी रौनक रही। तीर्थ यात्री घाटों व बाजारों व मेला क्षेत्र में घूमते रहे। दुकानों पर सामान खरीदते भी देखे गए।

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