नई दिल्ली: दीपावली पर्व को देश में बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस त्योहार को लेकर लोगों में बहुत उत्साह रहता है और इस दिन घरों और बाजारों में हर तरफ रौनक दिखाई देती है। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक इस त्योहार को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में पूरा देश दीयों व लाइटों से जगमगा उठता है।
हमारे देश में रोशनी के इस त्योहार को दीपावली के रूप में मनाया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के अलावा कई देशों में भी रोशनी का पर्व मनाया जाता है। हालांकि इन त्योहारों को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है और इन्हें मनाने के पीछे विभिन्न कारण हैं। आइए जानते हैं -
उत्तरी थाईलैंड में ये पेंग -
उत्तरी थाईलैंड में बिल्कुल दीपावली जैसा रोशनी का पर्व मनाया जाता है। इसे ये पेंग के नाम से जाना जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को पेपर के लालटेनों से सजाते हैं और शाम को आसमान में पैराशूट छोड़ते हैं। लोग रोशनी जलाकर ईश्वर से आने वाले साल के लिए प्रार्थना करते हैं और अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगते हैं।
फ्रांस में फेट देस ल्यूमेरेस -
फ्रांस के ल्योन शहर में इस पर्व को सादगी से मनाया जाता है। लोग मदर मेरी के सम्मान में अपने घरों को मोमबत्तियों से रोशन करते हैं। चार दिनों तक चलने वाले इस पर्व में पूरा शहर और चर्च लाइटों से जगमगाते हुए नजर आते हैं।
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यरूशलेम में हनुका -
इस पर्व को रोशनी का पर्व और यहूदियों का क्रिसमस के नामों से भी जाना जाता है। ये पर्व हर साल 10 दिसम्बर से 18 दिसम्बर तक मनाया जाता है। आठ दिन तक चलने वाले इस पर्व को यहूदी बड़े धूमधाम से मनाते हैं। जानकारों का मानना है कि इस त्योहार को लोग यरूशलेम में दूसरे मंदिर के पुनर्विकास की खुशी में मनाते हैं। खास बात यह है कि इस दिन 9 शाखाओं वाली कैंडल बू्रम में मोमबत्तियां जलाई जाती हैं।
फ्लोरिडा में सैमहेन फेस्टिवल -
रोशनी का यह पर्व फ्लोरिडा के अल्टूना शहर में मनाया जाता है। हर साल 31 अक्टूबर से 1 नवम्बर के बीच मनाये जाने वाले इस पर्व में भूतों को सम्मान दिया जाता है। त्योहार को मनाने के लिए लोग बोन फायर करते हैं और नृत्य करते हैं, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं।
अमेरिका में क्वांजा -
इस पर्व की शुरुआत अमेरिका में 1966 से हुई। 26 दिसम्बर से 1 जनवरी तक चलने वाला यह त्योहार अफ्रीकन-अमेरिकी संस्कृति के तहत अफ्रीकी विरासत के सम्मान में मनाया जाता है। परम्परा के अनुसार, सात दिन तक रोज एक मोमबत्ती जलाई जाती है, जो सात सिद्धांतों को दर्शाते हैं। ये सात सिद्धांत हैं - एकता, कार्य व जिम्मेदारी, ध्येय, कलात्मकता, विश्वास, प्रतिबद्धता, सहकारी अर्थशास्त्र।
स्काॅटलैंड में हाॅ मेने फेस्टिवल -
हर साल 31 दिसम्बर को स्काॅटलैंड में नए साल के जश्न को हाॅ मेने फेस्टिवल के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग मशाल लेकर सड़कों पर निकलते हैं, गलियों में जश्न मनाते हैं और आग से करतब दिखाते हैं।
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