लखनऊः एक समय था जब किसान खेती से दूर भाग रहे थे, लेकिन अब तमाम पढ़े-लिखे लोग इसकी ओर रूख करने लगे हैं। इनके पास ज्यादा पैसा कमाने के तमाम तरीके भी होते हैं। इन दिनों कुछ युवक वह फसल तैयार करने की फिराक में हैं, जो ज्यादा लाभ देती है। इसमें सब्जियां ही बेहतर हैं। सब्जियों में अगर टमाटर समय रहते बो लिया जाए, तो काफी मुनाफा कमा सकते हैं। नर्सरियों में इसकी पौध भी आसानी से मिल जाती हैं। यह समय भी टमाटर लगाने का है, लिहाजा शहर में टमाटर के पौध खूब बिक रहे हैं।
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युवा किसान अब आधुनिक तरीके से खेती कर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। एक तरह से खेती आज एक कारोबार का रूप ले चुकी है। कुछ चयनित फसलें बोकर बहुत सारे किसान बड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। युवा किसानों के पास भले ही संसाधन नहीं हैं, लेकिन वह वैज्ञानिक तकनीक अपनाने से हिचकिचाते भी नहीं हैं। मौजूदा वक्त में कृषि वैज्ञानिक ऐसे-ऐसे बीज तैयार कर रहे हैं, जो कम समय में बंपर पैदावार देते हैं। यही बीज लेकर किसान ज्यादा से ज्यादा पैदावार कर अपनी आमदनी में भी बढ़ोतरी कर सकते हैं। पहले किसानों के पास टमाटर की खेती से बहुत ज्यादा मुनाफा नहीं होता था, लेकिन अब नई किस्म विकसित होने पर प्रति हेक्टेयर उपज 1,200 से 1,400 क्विंटल तक ली जा सकती है। इनमें फल भी ज्यादा और आकार में भी बड़े होते हैं।
सामान्य प्रजाति के टमाटरों का उत्पादन प्रति हेक्टेयर उपज 400 से 600 क्विंटल है। इस समय जो पौध नर्सरी में लाई जा रही है, वह कानपुर की नामधारी-4266 है। इसमें ज्यादा उत्पादन के अवसर रहते हैं। सितंबर व अक्टूबर माह में इसकी नर्सरी लगाई जाती है और दिसंबर से फरवरी के बीच फसल तैयार हो जाती है। यदि मिट्टी में मौजूद पोषक तत्व मौजूद हैं, तो यह ज्यादा उत्पादन भी देते हैं। इस वैरायटी की खासियत है कि इसमें बीमारी और कीट नहीं लगते हैं। फसल भी 45 दिनों में तैयार हो जाती है।
यही समय है पौध लगाने का
ये मौसम टमाटर की फसल लगाने के लिए सही बताया जा रहा है। वैसे तो टमाटर की खेती साल भर की जाती है, लेकिन इस समय टमाटर के पौध भी आसानी से लग जाते हैं। इस समय ट्रे में नर्सरी तैयार कर सकते हैं। इसमे जल्दी पौध तैयार होती है और समान्य तरीके से उगाए पौधों से ज्यादा रोग प्रतिरोधी भी होती हैं इसलिए समय से खेत तैयार कर पौध लगा लें। टमाटर का पौधा ज्यादा ठंड और उच्च नमी को बर्दाश्त नहीं कर पाता है। विपरीत मौसम की वजह से इसकी खेती बुरी तरह प्रभावित होती है। बीज के विकास, अंकुरण, फूल आना और फल होने के लिए अलग-अलग मौसम चाहिए। 10 डिग्री सेंटीग्रेड से कम तापमान और 38 डिग्री सेंटीग्रेड से ज्यादा तापमान पौधे के विकास को धीमा कर देते हैं। सड़ी हुई गोबर की खाद सबसे उचित खाद है।
क्यारियों में रखें उचित दूरी
टमाटर की क्यारियों की लंबाई लगभग तीन मीटर होती है। ऊंची क्यारियों में बीज की बुवाई पंक्तियों में करना चाहिए, जिनकी आपसी दूरी 5-6 सेमी रहे। पौध से पौध की दूरी 2-3 सेमी रखनी चाहिए। बुवाई के बाद क्यारियों में सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट डाल दें।
टमाटर की किस्में
मुख्यतया टमाटर की किस्में पूसा गौरव, पूसा शीतल, सालेनागोला, साले नबड़ा, वीएल, आजाद टी-2, अर्का विकास, अर्का सौरभ, पंत टी-3 आदि हैं। इसके अलावा भी बुवाई वाली बीज हर तरह से उत्तम किस्म की होनी चाहिये। आकार में एक समान, मजबूत और जल्द अंकुरण वाली बीज को बुवाई के लिए चुना जाता है। विपरीत मौसम को भी सहने वाली एफ-1 जेनरेशन वाली हाइब्रिड बीज जल्दी और अच्छी फसल देती है।
कब करें रोपाई
टमाटर पौध में 4-6 पत्तियां आ जाए और ऊंचाई लगभग 20-25 सेमी हो जाए, तब पौध रोपाई के लिए तैयार समझना चाहिए। रोपाई के तीन दिन पहले पौध की सिंचाई बंद कर देनी चाहिए।
साल भर देता है कमाई
पिछले साल और वर्तमान के सभी सप्ताह का बाजार भाव देख लिया जाए, तो टमाटर का बाजार केवल कुछ ही दिन मंदी के दौर से गुजरा। ज्यादातर सर्दियों में भी यह मध्यम गति ये बिकता रहा। गर्मी, बारिश, वसंत और सीजन बदलने वाले मौसम में तो इसका बाजार भाव रफ्तार वाला रहा है। इन दिनों टमाटर लगाने वालों को काफी मुनाफा हुआ। 30-40 रूपये में बिकने वाला टमाटर इस समया 70 से 80 रुपये किलो तक बिक रहा है। दिसंबर 2019 में टमाटर 80 रूपये किलो तथा जनवरी 2020 में यह 30 रूपये किलो बिका। यह दाम साबित करते हैं कि टमाटर बोने वाले किसानों को हमेशा दाम अच्छे मिले, इसलिए किसानी के लिए टमाटर अच्छी फसल हो सकती है।
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