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उपवास, भूख हड़ताल, और थाली पीटकर आंदोलन को धार देंगे किसान, सरकार ने भी उठाया ये बड़ा कदम

A specially-abled Farmer at Tikri border during a protest against farm law,

नई दिल्लीः नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों ने सभी धरनास्थलों पर एक दिन की भूख हड़ताल का ऐलान किया है। उधर, सरकार ने एक चिट्ठी 40 किसान संगठनों के नाम लिखी है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने क्रांतिकारी किसान मोर्चा समेत 40 किसान संगठनों को चिट्ठी लिखकर एक बार फिर बातचीत का प्रस्ताव दिया है।

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने कहा है कि 21 दिसंबर यानी कल कृषि कानूनों के विरोध में सभी धरना स्थलों पर किसान 24 घंटे का उपवास शुरू करेंगे। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता जगजीत सिंह डलेवाला ने भी हरियाणा के किसानों को लेकर नया ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के किसान 21 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे तथा 25 से 27 दिसंबर तक राज्य के किसान नाकों पर टोल नहीं देंगे।

किसान दिवस को लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने अपील की है कि 23 दिसंबर को कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन को देखते हुए लंच न बनाएं।

उधर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे के दौर पश्चिम बंगाल में कहा था कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर किसानों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। एक-दो दिन में आंदोलन खत्म कराने के लिए किसानों से मुलाकात कर सकते है। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) थी, है और रहेगी। अगर एमएसपी को समाप्त करने की कोशिश किसी ने की तो राजनीति छोड़ देंगे। उन्‍होंने कहा कि एमएसपी समाप्त नहीं होगी, हमारी मंशा है कि एमएसपी से ऊपर कैसे जाएं, उसके लिए रास्ते बनाए जा रहे हैं।

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हर महीने के आखिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करते हैं, इस बार 27 दिसंबर को जब ये होगा तब किसान उस वक्त थाली पीटेंगे। बता दें कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में पीएम मोदी ने थाली पिटवाई थी, अब उन्हीं के तरीके को किसान अपना रहे हैं। किसान नेताओं ने अपील की है कि जबतक मन की बात में पीएम बोलें, लोग अपने घर पर थाली पीटें।