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क्वाड की बैठक में शामिल हुए विदेश मंत्री, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता पर जोर

QWAD MEETING

 

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को जापनी समकक्ष मोतेगी तोशिमित्सु के साथ टोक्यो में द्विपक्षीय वार्ता की। उसके बाद कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता क्षेत्र में स्थिरता, स्थायित्व और समृद्धि को साकार करने में मददगार साबित होगी।

विदेश मंत्री भारत-प्रशांत क्षेत्र के चार प्रमुख देशों के अनौपचारिक संगठन क्वाड की बैठक में भाग लेने के लिए जापान की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने इस बैठक के संबंध में ट्वीट कर कहा है कि जापानी समकक्ष के साथ चर्चा में विनिर्माण, कौशल, बुनियादी ढांचे, आईसीटी और स्वास्थ्य में हमारे सहयोग को शामिल किया गया। दोनों देशों की विशेष साझेदारी कोविड रिकवरी के बाद बड़े बदलाव ला सकती है। बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुधारों से संबंधित वैश्विक स्थिति और विकास की समीक्षा की गई।

विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र के हाल के समय में बढ़े महत्व को रेखांकित किया और कहा कि भारत-जापान सहयोग से क्षेत्र को लाभ मिलेगा। दोनों नेताओं ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था और देशों की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने के साझा मूल्यों को दोहराया।

बैठक में जापानी पक्ष भारत-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) को कनेक्टिविटी पिलर के रूप में प्रमुख भागीदार बनने के लिए सहमत हुआ। दोनों मंत्रियों ने पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थायी साझेदारी कोविड-19 महामारी द्वारा उत्पन्न चुनौतियों पर काबू पाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक स्वतंत्र, खुला और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र विविध व लचीली आपूर्ति श्रृंखला पर आधारित होना चाहिए। इस संदर्भ में भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अन्य समान सोच वाले देशों के बीच आपूर्ति श्रृंखला में लचीलापन लाने की पहल का उन्होंने स्वागत किया।

डिजिटल प्रौद्योगिकी की बढ़ती भूमिका को स्वीकार करते हुए दोनों मंत्रियों ने मजबूत और लचीले डिजिटल व साइबर सिस्टम की आवश्यकता पर बल दिया। इस संदर्भ में साइबर सुरक्षा समझौते को अंतिम रूप देने का उन्होंने स्वागत किया। यह समझौता क्रिटिकल इंफॉर्मेशन इंफ्रास्ट्रक्चर, 5 जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण, अनुसंधान व विकास, सुरक्षा व लचीलापन लाने में सहयोग को बढ़ावा देता है।

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दोनों नेताओं ने आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की पुष्टि करते हुए भारत-जापान के विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में हुई प्रगति की समीक्षा की। इसमें समुद्री सुरक्षा, व्यापार व निवेश, विनिर्माण, कौशल विकास, कनेक्टिविटी व बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य व कल्याण, भारत-प्रशांत महासागर पहल और संयुक्त राष्ट्र सुधारों सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पायने से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्न पहलुओं और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा की।