जकार्ताः इंडोनेशिया के उत्तरी सुलावेसी में रुआंग पर्वत पर विस्फोट के बाद सुनामी का खतरा बढ़ गया है। इसे देखते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को तत्काल प्रभाव से बंद करना पड़ा। इलाके में हजारों फीट की ऊंचाई तक राख फैल गई है। अधिकारियों ने बुधवार को सुनामी की चेतावनी जारी की और 11,000 से अधिक लोगों को क्षेत्र छोड़ने का आदेश दिया।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे बंद
इंडोनेशिया के प्रमुख अखबार जकार्ता पोस्ट ने बताया कि अधिकारियों ने गुरुवार को कहा कि रुआंग ज्वालामुखी से कई दिनों तक लावा और राख निकलने के बाद आसपास के इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया है। इस कारण उत्तरी सुलावेसी में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बंद कर दिया गया है।
बुधवार को उत्तरी सुलावेसी के सुदूर द्वीप पर एक ज्वालामुखी से अचानक लावा निकलने लगा। कुछ ही देर में राख का गुबार आसमान में तीन किलोमीटर (दो मील) तक फैल गया। ज्वालामुखी के ऊपर आकाश में बिजली की चमक दिखाई देती है। अधिकारियों की चेतावनी के बीच 800 से अधिक लोगों को इलाके से सुरक्षित निकाला गया है।
देश में 120 सक्रिय ज्वालामुखी
इंडोनेशिया के ज्वालामुखी विज्ञान और भूवैज्ञानिक आपदा न्यूनीकरण केंद्र ने कहा कि सुलावेसी द्वीप के उत्तरी तट पर ज्वालामुखी में पिछले 24 घंटों में कम से कम पांच बड़े विस्फोट हुए हैं। अधिकारियों को चिंता है कही फिर 1871 की तरह की यह ज्वालामुखी सुनामी का कारण न बन जाए क्योंकि इसका एक हिस्सा समुद्र में गिर सकता है। ज्वालामुखी के उत्तर-पूर्व में स्थित टैगुलानडांग द्वीप फिर से खतरे में है। द्वीप के आसपास के निवासियों को स्थानांतरित होने के लिए कहा गया है।
यह भी पढ़ेंः-Dubai Rain: दुबई में भारी बारिश से बिगड़े हालात, एयर इंडिया और इंडिगो ने रद्द की उड़ानें
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में ऐसी ज्वालामुखीय गतिविधियां आम हैं। यह "रिंग ऑफ फायर" के किनारे स्थित है, जो प्रशांत महासागर के चारों ओर भूकंपीय दोष रेखाओं की एक घोड़े की नाल के आकार की श्रृंखला है। अधिकारियों ने पर्यटकों और अन्य लोगों को रुआंग ज्वालामुखी से कम से कम छह किलोमीटर (3.7 मील) दूर रहने की सलाह दी है। बता दें कि इंडोनेशिया में 100 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं।