नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समीर महेंद्रू को मिली अंतरिम जमानत के खिलाफ ईडी की याचिका पर जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय इस मामले में विवेक से फैसला लेता।
आज ईडी की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई की मांग की। ईडी ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 12 जून को समीर महेंद्रू को बीमारी के आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दी थी। हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने के बाद 25 जुलाई को संबंधित अदालत में सरेंडर करने का निर्देश दिया था।
समीर महेंद्रू को ग्रेड ए फैटी लिवर और पित्ताशय की पथरी थी। समीर महेंद्रू को सीबीआई मामले में जमानत मिल गई है, लेकिन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में खारिज हो गई है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने 16 फरवरी को इस मामले में समीर महेंद्रू समेत पांच आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। अदालत ने 28 फरवरी को सीबीआई मामले में समीर महेंद्रू समेत पांच आरोपियों को जमानत दी थी।
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ईडी ने 6 जनवरी को दिल्ली शराब घोटाला मामले में पूरक आरोप पत्र दायर किया था। चार्जशीट में 12 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें 5 व्यक्तियों और 7 कंपनियों के नाम शामिल हैं। चार्जशीट में ईडी ने विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, शरद चंद्र रेड्डी, विनय बाबू और अमित अरोड़ा को आरोपी बनाया है। इससे पहले 20 दिसंबर 2022 को कोर्ट ने ईडी द्वारा दाखिल किए गए पहले चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। ईडी ने 26 नवंबर, 2022 को अदालत में पहली चार्जशीट दाखिल की थी।
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