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विश्व मोटापा दिवस: हर व्यक्ति को सही कदम उठाने की जरूरत

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बीजिंग: 4 मार्च को विश्व मोटापा दिवस है। विश्व मोटापा दिवस की शुरूआत विश्व मोटापा फेडरेशन की पहल पर हुई। इस दिवस की स्थापना का उद्देश्य मोटापे की समस्या पर लोगों की जागरूकता बढ़ाना है, ताकि लोग स्वस्थ जीवन बिता सकें । इस साल विश्व मोटापा दिवस की मुख्य थीम है हरेक को कार्रवाई करने की जरूरत है, जिसका लक्ष्य लोगों से कदम उठाकर एक साथ वैश्विक मोटापे की समस्या का सामना करने की अपील करना है। 21वीं सदी में विश्व भर में सबसे प्रचलित रोग क्या है? वह फ्लू नहीं है, निमोनिया भी नहीं है, बल्कि मोटापा है । कहा जा सकता है कि मोटापा एक वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है । विश्व स्वास्थ्य संगठन और विश्व मोटापा फेडरेशन के आंकड़ों के अनुसार वर्तमान विश्व में लगभग 2 अरब (40 प्रतिशत से अधिक) वयस्क और 34 करोड़ (18 प्रतिशत से ज्यादा ) 5 से 19 वर्ष तक किशोरों व युवाओं का वजन जरूरत से ज्यादा है। चिंता की बात है कि ये आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं । चीनी राज्य परिषद द्वारा वर्ष 2020 में जारी चीनी नागरिकों की पोषण व क्रोनिक बीमारियों की स्थिति रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 50 प्रतिशत वयस्क और 20 प्रतिशत किशोर जरूरत से ज्यादा मोटे हैं , जो विश्व में मोटे लोगों का सबसे अधिक अनुपात है। भारत की स्थिति भी संतोषजनक नहीं है। विश्व में मोटे बच्चों की संख्या चीन और भारत में सबसे ज्यादा है ।

चीनी चिकित्सक संघ की मोटापा और चयापचय रोग उप समिति के निदेशक प्रोफेसर वांग त्सुनछ्वांग ने मीडिया के साथ हुई बातचीत में कहा कि मोटापे से मधुमेह, उच्च रोक्तचाप जैसी क्रोनिक बीमारी पैदा हो सकती है । ताजा अध्ययन के अनुसार मोटापा कुछ मामलों में कैंसर से भी जुड़ा है । समग्र समाज मोटापे के लिए आर्थिक लागत प्रदान करता है । अनुमान है कि मोटापे से होने वाला आर्थिक नुकसान चीन की जीडीपी का 4 प्रतिशत से 8 प्रतिशत के बीच है । इसलिए मोटापा न सिर्फ व्यक्तिगत समस्या है ,बल्कि सामाजिक सवाल भी है । मोटापे का निपटारा एक सार्वजनिक नीति है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है ।

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प्रोफेसर वांग के विचार में चीन में उच्च कैलोरी और हाई फैट जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों के उपभोग की स्थिति बहुत गंभीर है । इसके अलावा चीन में पेशेवर पोषण विशेषज्ञ और खेल संस्थापन भी पर्याप्त नहीं हैं । इन सवालों पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए और मोटापे की समस्या के समाधान के लिए किशोरों से काम शुरू करने की जरूरत है।

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