भोपालः मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे है, इसके साथ ही नेताओं के बोल भी तीखे होते जा रहे हैं। नेता एक-दूसरे का नाम तो नहीं ले रहे हैं, लेकिन गद्दार और रावण कहकर हमला करने से भी नहीं चूक रहे हैं। प्रदेश की सियासत में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Digvijay-Scindia) के बीच सियासी दुश्मनी काफी पुरानी है। या यूं कहें कि पिछले तीन दशकों से ग्वालियर घराना और राघौगढ़ घराना हमेशा एक-दूसरे के खिलाफ खड़े नजर आए हैं।
कहा तो यहां तक जाता है कि 2018 के चुनाव के बाद राज्य में बनी कांग्रेस सरकार में पर्याप्त महत्व न मिलने के कारण ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। इस पूरे घटनाक्रम के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का हस्तक्षेप मुख्य वजह माना जा रहा है। एक बार फिर से सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच खुली सियासी जंग शुरू हो गई है।
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पिछले दिनों दिग्विजय सिंह ने इशारों-इशारों में सिंधिया (Digvijay-Scindia) का नाम लिए बिना हमला बोला था और कहा था कि कांग्रेस में गद्दारों के लिए कोई जगह नहीं है, वहीं बीते दिन जब सिंधिया एक कार्यक्रम में राघौगढ़ पहुंचे तो वहां भी उन्होंने बिना दिग्विजय सिंह और उनके परिवार का नाम लिए हमला बोला था। पिता-पुत्र दोनों पर हमला किया गया। इतना ही नहीं उन्होंने रावण को भी बुला लिया।
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