लखनऊ: भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार स्वीप कार्यक्रम के तहत मतदाता जागरूकता के लिए विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना है। साथ ही 1 जनवरी 2024 के आधार पर विधानसभा निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण से पूर्व की गतिविधियां वर्तमान में चल रही हैं। इसके लिए अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं।
मतदाताओं को जागरूक करने के लिए बूथ स्तर के अधिकारियों और पर्यवेक्षकों, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ स्तर के एजेंटों और चुनावी साक्षरता क्लब (ईएलसी) के माध्यम से फॉर्म 8 से संबंधित जानकारी का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। यह मतदाता जागरूकता मंच (VAF), प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, फेसबुक और इंस्टाग्राम आदि जैसी सोशल साइटों के माध्यम से किया जाना चाहिए।
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नियमों पर दावे और आपत्तियां प्राप्त करने के लिए प्रपत्र-6, 7 और 8 उपलब्ध कराये गये हैं। नए पंजीकरण के लिए प्रपत्र-6 और मतदाताओं द्वारा निवास परिवर्तन, मतदाता सूची में संशोधन, मतदाता फोटो पहचान पत्र के प्रतिस्थापन और दिव्यांग मतदाताओं की पहचान के लिए प्रपत्र-8 निर्धारित है।
यह भी पढ़ें-संजय सिंह को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा
अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आम जनता के बीच पर्याप्त जानकारी के अभाव के कारण निर्धारित प्रपत्रों का उपयोग नहीं किये जाने के कारण कुछ मामलों में नये मतदाता या ऐसे मतदाता जिनका नाम किसी भी विधानसभा की मतदाता सूची में नहीं है, वे इसका उपयोग नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि नये मतदाताओं या जिनका नाम किसी भी विधानसभा की मतदाता सूची में शामिल नहीं है, उनके पंजीकरण के लिए प्रपत्र 6 निर्धारित है। निवास परिवर्तन/निर्वाचक नामावली में संशोधन/मतदाता फोटो पहचान पत्र के प्रतिस्थापन एवं दिव्यांग मतदाताओं की पहचान के लिए आयोग द्वारा प्रपत्र-8 निर्धारित किया गया है, जिसकी जानकारी आम जनता के बीच उपलब्ध नहीं है या कम है।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)
उत्तर प्रदेश