
लखनऊः पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर प्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले होमगार्ड (home guard) के सिपाही अब बूढ़े हो चुके हैं। सालों से भर्तियां न होने की वजह से अब अधिकतर होमगार्डों की उम्र 35-50 साल के बीच पहुंच चुकी है, ऐसे में वह फील्ड में ड्यूटी करने से कतरा रहे हैं। आने वाले समय में यदि भर्तियां न हुईं, तो सुरक्षा को लेकर खतरा पैदा हो सकता है लेकिन जिम्मेदार कुंभकर्णी नींद में सो रहे हैं।
यूपी होमगार्ड मुख्यालय से मिली फिजिकल रिपोर्ट से पता चला है कि होमगार्ड (home guard) के सिर्फ 02 फीसदी जवानों की उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है, जबकि 48 फीसदी जवानों की उम्र 35 से 50 वर्ष के बीच है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इनमें से ज्यादातर जवान किसी न किसी बीमारी की चपेट में हैं। राजधानी लखनऊ व जिलों में स्थानीय पुलिस के साथ कंधा से कंधा मिला कर कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने, यातायात संचालन में मदद करने के साथ ही अन्य कामों में अपना हाथ बंटाने वाले होमगार्ड के जवान अब बूढ़े हो चले हैं।
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35 से 50 की उम्र में करीब 48 फीसदी होमगार्ड (home guard) हैं। 18 से 35 उम्र के जवानों की संख्या महज विभाग में 02 फीसदी ही रह गई है। इसका मुख्य कारण सालों से नई भर्तियां न होना बताया जा रहा है। ज्यादतार जवान अधेड़ होने की वजह से मुश्किल वाली ड्यूटी नहीं करना चाहते। भीषण गर्मी में जवान फील्ड ड्यूटी से बचना चाहते हैं। इसके लिए वह अपने उच्चाधिकारियों के यहां चक्कर काट रहे हैं। कोई खुद को ब्लड प्रेशर का मरीज, तो कोई खुद को शुगर का मरीज बता कर फील्ड ड्यूटी से कन्नी काट रहा है। कोई थायराइड का मरीज है, तो कोई आंखों समेत दूसरे रोगों की जकड़ में हैं। मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, एक चैथाई पद रिक्त होने से फील्ड ड्यूटी के लिए युवा सिपाही खोजे नहीं मिल रहे हैं।
07 सालों ने नहीं हुई है जवानों की भर्ती -
ज्यादातर जवानों की उम्र 50 से अधिक होने की वजह से विभाग से प्रत्येक वर्ष लगभग चार हजार जवान सेवानिवृत्त हो रहे हैं। होमगार्डों की पिछली भर्ती वर्ष 2015 में हुुई थी, जो यूपी के दो जिलों सीतापुर और लखीमपुर में ही हो पाई थी। कोर्ट के फैसले के मद्देजनर मुख्यालय ने अन्य जिलों में चल रही होमगार्ड की भर्तियों को रोक दिया था। होमगार्डों (home guard) की भर्तियां न होने से विभाग में युवा होमगार्ड की भारी कमी हो गई है।
30 हजार से ज्यादा पद खाली -
विभाग को पूरे प्रदेश में करीब 01 लाख 18 हजार होमगार्डों (home guard) की जरूरत हैं। इस जरूरत को देखते हुए विभाग के पास वर्तमान में कुल 83,000 ही जवान है। इस तरह विभाग कुल 35,000 जवानों की कमी से जूझ रहा है।
इसी प्रकार महिला सिपाहियाें की कुल जरूरत 04 हजार है, लेकिन वर्तमान में कुल 2,500 ही महिला सिपाही हैं। महिला सिपाहियों की संख्या भी करीब 1,500 कम हैं।
जून 2022 तक होमगार्ड की संख्या -
उपलब्ध होमगार्ड - 83,736
तैनाती योग्य होमगार्ड - 83,168
कुल तैनात होमगार्ड - 82924
तैनात होमगार्ड -
नियमित होमगार्ड - 74,552
संवेदनशील होमगार्ड - 3,885
आपातकालीन होमगार्ड - 2,115
अल्पकालीन होमगार्ड - 46
अति-संवेदनशील होमगार्ड - 3,885
नोट- तैनाती अयोग्य होमगार्ड की संख्या 568 है, तो रिजर्व होमगार्ड की संख्या 244 है।
- पवन सिंह चौहान की रिपोर्ट
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