श्रीनगर: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 250 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को जम्मू-कश्मीर में छह स्थानों पर तलाशी ली। फर्जी रिवर झेलम कोऑपरेटिव हाउसिंग बिल्डिंग सोसाइटी के नाम पर धोखाधड़ी मामले में जम्मू-कश्मीर स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व चेयरमैन के परिसरों पर भी छापेमारी की गई है।
पहले ही दर्ज किया गया था केस
इसी मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने अगस्त 2020 में फर्जी हाउसिंग सोसाइटी के अध्यक्ष हिलाल-ए-मीर, तत्कालीन जे-के राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अध्यक्ष मोहम्मद शफी डार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत पहले ही आरोप पत्र दायर किया जा चुका था।
फर्जी तरीके से तैयार किया गया प्रमाण पत्र
एसीबी जांच के अनुसार, मीर ने सचिव, सहकारी समितियों, प्रशासन विभाग को एक आवेदन प्रस्तुत किया था, जहां उन्होंने जे-के सहकारी बैंक लिमिटेड को 300 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी।
जांच से पता चला कि रिवर झेलम कोऑपरेटिव हाउस बिल्डिंग सोसाइटी रजिस्ट्रार सहकारी समितियों, जम्मू और कश्मीर के साथ पंजीकृत भी नहीं थी और मीर ने डार और अन्य के साथ मिलकर सोसायटी के नाम पर एक फर्जी और काल्पनिक पंजीकरण प्रमाण पत्र तैयार किया था और ऋणों की स्वीकृति का प्रबंधन किया था।
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ऋण राशि भूमि मालिकों के खातों में वितरित की गई, लेकिन भूमि बैंक के पास बंधक नहीं है। इसके अलावा एसीबी जांच में 223 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा हुआ है। ब्यूरो ने 187 करोड़ रुपये की रकम जब्त की है। इसी सिलसिले में ईडी ने गुरुवार को श्रीनगर में छापेमारी की।
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