
लखनऊः कहावत है, होनहार बिरवान के होत चीकने पात। जो होनहार है वह खुद ही अपना मुकाम हासिल कर लेता है, वह किसी से मदद की गुहार नहीं करता। गोरखपुर के एक 14 साल के लड़के ने इस बात को सच साबित करके दिखा दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इन दिनों गोरखपुर को उद्यम नगर बनाने पर जोर दे रहे हैं। तमाम छोटी-बड़ी कंपनियां यहां अपने पैर जमाने के लिए आतुर हो रही हैं। इसी बीच एक 14 साल के अमर प्रजापति ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी है। अमर ने एलईडी लाइट्स बनाने की एक कंपनी बना ली है। यह जीवन प्रकाश इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड नाम से संचालित की जा रही है। अमर ने इसके लिए बाकायदा प्रशिक्षण भी लिया है। कक्षा आठ के छा़त्र अमर की उसके भाई भी मदद कर रहे हैं।
पांच दिन के प्रशिक्षण के बाद अमर ने एलईडी लाइट के पांच तरह के उत्पाद बनाना पूरी तरह से सीख लिया है। इसके बाद उसने जिस संस्थान से एलईडी लाइट्स बनाने का प्रशिक्षण हासिल किया, वहीं से रॉ मैटेरियल मंगाना शुरू कर दिया। रिश्ते में अपने एक भाई और एक वर्कर की सहायता से अमर ने हरेक दिन 100 से 125 एलईडी लाइट्स बनाना शुरू कर दिया है। अमर ने कहा कि अभी ऑनलाइन क्लास हो रहा है। ऐसे में एक बजे के बाद काफी समय मिल जाता है।
लॉकडाउन का उठाया लाभ
लॉकडाउन के दौरान अमर के मन में पढ़ाई के अलावा कुछ नया सीखने का ख्याल आया। जब अनलॉक-वन शुरू हुआ तो अमर को गीडा में एलईडी लाइट्स बनाने के प्रशिक्षण की जानकारी मिली। इसके बाद उसने पिता की अनुमति ली और एलईडी बनाने का प्रशिक्षण शुरू कर दिया। अमर के सीखने की ललक ने प्रशिक्षक विवेक सिंह को काफी प्रभावित किया। पांच दिन के प्रशिक्षण के बाद अमर ने एलईडी के पांच उत्पादों को बनाना पूरी तरह से सीख लिया। स्कूल बंद होने की वजह से पढ़ाई के बाद काफी समय बच जाने की वजह से अमर ने खाली समय में घर पर एलईडी लाइट बनाना शुरू कर दिया।
यह भी पढ़ेंः-सीबीआई के दामन पर फिर लगे भ्रष्टाचार के दागअब वह गीडा स्थित उद्यमिता विकास संस्थान से एलईडी लाइट का रॉ मैटेरियल मंगाता है और घर में ही एलईडी लाइट तैयार करता है। प्रशिक्षक एवं उद्यमी विवेक सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद कई लोगों ने अपनी कंपनी बनाई है। अमर उनमें से एक है। उसने अपनी फैक्ट्री के नाम से उत्पाद बनाना शुरू किया है। कोरोना काल के दौरान उनके संस्थान से तीन सौ से ज्यादा लोगों ने प्रशिक्षण लिया है।