देश फीचर्ड आस्था

दुर्गा पूजा उत्सव शुरू, मां की आराधना के साथ मंत्रों से गूंजा बंगाल

Artists perform at a puja pandal made on a theme of garment shop ahead of the Durga Puja festival

कोलकाता: बंगाल में सोमवार की सुबह पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर गली-चौराहे सहित पूरा शहर मां की आराधना मंत्र से गूंज उठा। हर तरफ स्पीकरों पर 'या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तसयै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः' की धूम मची। इसके साथ ही देवी के आह्वान में शंखों की गूंज, पंडालों के आसपास ढांकियों की ढाक और पुष्प-धूप-अक्षत-चंदन आदि से किए जा रहे हवन की खुशबू पूरे शहर के माहौल को खुशनुमा बना रही है।

सोमवार को कोलकाता ही नहीं हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर समेत दक्षिण और उत्तर बंगाल के हर गली चौराहे में मां की आराधना पूजा अर्चना में लोग इसी तरह से डूबे दिखे है। शक्ति की आराधना की भूमि कहे जाने वाले बंगाल में सैकड़ों सालों से भव्य पूजा पंडाल बनाकर उसमें मां की प्रतिमाएं स्थापित कर आराधना होती है। पूरे राज्य में एक जैसे दृश्य हैं। दिनभर लोगों का हुजूम एक पंडाल से दूसरे पंडाल की ओर बढ़ता हुआ और हर गली चौक चौराहे पर भीड़ को प्रबंधित करते पुलिसकर्मी। कोलकाता में तो करीब हर 100 मीटर के अंतर पर एक पूजा पंडाल बना हुआ है, जहां मां की प्रतिमा स्थापित है और मंत्रों की गूंज माइक्रोफोन पर सुनी जा सकती है।

यह भी पढ़ेंः-न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ली शपथ

दरअसल, वैसे तो महालया के साथ ही बंगाल में मां की आराधना शुरू हो जाती है। माना जाता है कि महालय के दिन मां दुर्गा कैलाश छोड़कर धरती पर मां के घर आती हैं। उसी दिन से दुर्गा की आराधना शुरू हो जाती है लेकिन षष्ठी के दिन से ढाकियों की ढाक पर थाप के साथ मां की धूमधाम से पूजा अर्चना शुरू होती है, जो नवमी तक चलती है। दशमी से मां की प्रतिमाओं का विसर्जन शुरू हो जाता है, जो अगले तीन-चार दिन तक जारी रहती है। बंगाल में आज सोमवार को षष्ठी के साथ ही राज्यभर में दुर्गा की आराधना और मंत्रों की गूंज हर कोने में गूंज रही है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)