संपादकीय

प्राइज मनी बढ़ने से घरेलू क्रिकेट को मिली संजीवनी

Domestic cricket gets revival due to increase in prize money
  भारतीय क्रिकेट आज जिस शिखर पर हैए उसे वहां तक पहुंचाने में हमारे घरेलू प्रतियोगिताओं का अहम योगदान रहा है। आज आईपीएल की चकाचौंध में घरेलू टूर्नामेंट्स की चमक फीकी हो गई है। इसके बावजूद हर साल इनका आयोजन होता ही है। डोमेस्टिक क्रिकेट को भारतीय क्रिकेट की रीढ़ कहें तो गलत नहीं होगा। इनमें सबसे बड़ी और पुरानी प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी हैए जो हर साल खेली जाती है। केवल 2020-21 के सत्र में कोविड महामारी की वजह से इसका आयोजन नहीं हो पाया था। राष्ट्रीय टीम में चयन का मापदंड भी रणजी ट्रॉफी ही है। इसमें बेहतर प्रदर्शन करके खिलाड़ी टीम इंडिया में जगह बना पाते हैं। खासतौर से लंबे प्रारूप यानी टेस्ट मैचों के लिए खिलाड़ी रणजी में प्रदर्शन के आधार पर ही चुने जाते रहे हैं। इसके अलावा इसमें अच्छे प्रदर्शन की बदौलत कई क्रिकेटर भारतीय टीम में वापसी भी कर चुके हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण सौराष्ट्र टीम के गेंदबाज जयदेव उनादकट हैं। पूरे दस साल बाद उन्होंने जनवरी में बांग्लादेश दौरे पर गई भारतीय टीम में दोबारा जगह बनाई। इस समय वह आईपीएल में लखनऊ की टीम की ओर से खेल रहे हैं। रविवार 16 अप्रैल को भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड ;बीसीसीआईद्ध ने खिलाड़ियों के हित में एक बहुत अच्छा निर्णय लिया है। रणजी ट्रॉफी समेत कई घरेलू प्रतियोगिताओं की विजेता और उप-विजेता टीमों को मिलने वाली इनामी राशि में इजाफा किया गया है। रणजी का खिताब जीतने वाली टीम को अब 05 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बता दें किए पहले यह राशि 02 करोड़ रुपये थी। नए ढांचे के अनुसार उप-विजेता और सेमीफाइनल मैच हारने वाली टीमों को क्रमशः 03 करोड़ और एक-एक करोड़ रुपये मिलेंगे। इनामी राशि बढ़ने से इस खेल में काफी सुधार दिखेगा। ऐसे में इस निर्णय की सभी लोग सराहना कर रहे हैं। देश में घरेलू सत्र 2023-24 का आगाज 28 जून से होगा। इस तारीख से दिलीप ट्रॉफी के मैच आरंभ हो जाएंगे। रणजी ट्रॉफी अगले साल 05 जनवरी से शुरू होगी। यह टूर्नामेंट 70 दिनों तक चलेगा। साथ ही महिला सत्र 19 अक्टूबर से चलेगा। इसकी शुरुआत राष्ट्रीय टी20 चैंपियनपशिप के साथ होगी। देश का जब भी कोई बड़ा खिलाड़ी आउट ऑफ फॉर्म होता हैए तो उसे यही सलाह दी जाती है कि वह रणजी में खेल कर अपने प्रदर्शन को मजबूत करे। पिछले साल अजिंक्य रहाणे के साथ भी यही हुआ। उन्होंने भारत की टेस्ट टीम से बाहर रहने के दौरान घरेलू मैच खेलना जारी रखा। वर्तमान में चेन्नई की टीम में शामिल रहाणे आईपीएल में जोरदार बल्लेबाजी भी कर रहे हैं। आपको बता दें किए घरेलू क्रिकेट की सबसे बड़ी इस प्रतियोगिता का आरंभ 1934-35 में हुआ था। रणजी ट्रॉफी को प्रथम श्रेणी क्रिकेट का दर्जा प्राप्त है। इसमें कुल 38 टीमें भाग लेती हैं। क्षेत्रीयए राज्य क्रिकेट एसोसिएशनए रेलवे और सेना की टीमों के बीच इसके मैच खेले जाते हैं। महाराजा रणजीत सिंह के नाम पर इसका शुभारंभ हुआ था। टेस्ट मैच खेलने वाले भारत के पहले खिलाड़ियों में रणजीत सिंह का नाम आता हैए इसीलिए इस ट्रॉफी का नामकरण उनके नाम पर हुआ। रणजीत सिंह ने आजादी से पहले 1896 से 1902 तक इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेली थी। वह ऐसे खिलाड़ी रहे जिन्होंने भारत और इंग्लैंड दोनों टीमों में जगह बनाई। इंग्लैंड में जिस तरह काउंटी क्रिकेट खेली जाती हैए उसी तरह रणजी के मैच होते हैं। इसे भारतीय खिलाड़ियों की नर्सरी भी कहा जा सकता है। इसके मैच राउंड रोबिन आधार पर खेले जाते हैं। इस प्रतियोगिता में जो ट्रॉफी दी जाती हैए उसे पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह ने अपनी ओर से भेंट की थी। देश के दूर-दराज के इलाके से युवा प्रतिभाओं को सामने लाने का यह एक बड़ा मंच है। इसमें उम्दा प्रदर्शन करके खिलाड़ी भारतीय टीम में आने का दावा ठोंकते हैं। पुरस्कार राशि बढ़ने से होगा फायदा आजकल हर क्षेत्र में पैसे का महत्व बढ़ गया है। आईपीएल इसका जीता जागता उदाहरण हैए जहां खिलाड़ियों की नीलामी होती है। खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करने को तभी प्रेरित होते हैं जब उन्हें बढ़िया पैसा मिलता है। बीसीसीआई ने यही विचार करके घरेलू प्रतियोगिताओं में दी जाने वाली पुरस्कार राशि में बढ़ोत्तरी की है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने प्राइज मनी बढ़ाने की जानकारी एक ट्वीट में देते हुए लिखा था कि हम भारतीय क्रिकेट की रीढ़ घरेलू क्रिकेट में निवेश करने के प्रयास जारी रखेंगे। दरअसलए 2008 में जबसे आईपीएल शुरू हुआ हैए इन प्रतियांगिताओं के प्रति आकर्षण कम हो चला है। घरेलू मैच के दौरान मैदान भी खाली रहते हैं। दर्शक इन्हें देखने नहीं जातेए इसलिए पैसा बढ़ाकर बीसीसीआई ने प्रशंसनीय काम किया है। रणजी के अलावा दिलीप ट्रॉफीए ईरानी कपए देवधर ट्रॉफीए सैयद मुश्ताक अली और विजय हजारे ट्रॉफी के लिए भी इनामी राशि बढ़ाई गई है। इस निर्णय के बाद निश्चित रूप से इन मैचों का स्तर सुधरेगा। संघर्षपूर्ण मुकाबले देखने को मिलेंगे। इस सत्र से रणजी चैंपियन टीम अब 05 करोड़ रुपये ले जाएगी। ईरानी कप के लिए नकद पुरस्कार भी दोगुना किया गया है। इसमें विजेता टीम को 25 लाख के बजाय अब 50 लाख रुपये दिए जाएंगे। उप-विजेता टीम को अभी कोई नकद पैसा नहीं मिलता थाए लेकिन अब उन्हें 25 लाख रुपये मिलेंगे। इसी तरह दिलीप ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी में विजेता टीम को एक करोड़ और उपविजेता टीम को 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। देवधर ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के विजेताओं को 40 लाख रुपये तथा फाइनल में हारने वाली टीम को 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। बीसीसीआई ने महिला क्रिकेटरों की तरफ भी नजरें इनायत की हैं। विश्व स्तर पर भारत की महिला टीम शानदार प्रदर्शन कर रही है। इस सत्र से महिला आईपीएल की शुरुआत भी हो चुकी है। इसी से प्रेरित होते हुए बीसीसीआई ने महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए उनके पैसे भी बढ़ाए हैं। सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी के विजेताओं को 50 लाख रुपये और उप-विजेता टीम को 25 लाख रुपये दिए जाएंगे। अभी तक विजेता को मिलने वाली राशि केवल 06 लाख थी। सीनियर महिला टी20 ट्रॉफी की विजेता टीम को 40 लाख रुपये मिलेंगेए जो मौजूदा राशि से आठ गुना अधिक है। इसमें फाइनल हारने वाली टीम को 20 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकिए कुछ मामलों में पुरुष और महिला खिलाड़ियों के बीच भेदभाव अब भी दिख रहा है। मसलनए इन्हें दिए जाने वाले केन्द्रीय अनुबंध की राशि में बहुत बड़ा अंतर है। पुरुषों को करोड़ों में यह राशि मिलती हैए जबकि महिलाओं को लाखों में। बीसीसीआई ने 2018 के बाद से महिला खिलाड़ियों के अनुबंध की राशि नहीं बढ़ाई है। रणजी मैचों के कुछ अनोखे कीर्तिमान देश की सबसे प्रतिष्ठित रणजी ट्रॉफी में बनने वाले कुछ रिकॉर्ड से आपको परिचित कराते हैं। मुंबई की टीम ने सर्वाधिक 41 बार यह खिताब जीता है। इसे सबसे सफल टीम कह सकते हैं। सबसे ज्यादा रन 12,038 वसीम जाफर ने बनाए हैं। उन्होंने 1996 से 2020 के दौरान ये रन बनाए। इस बीच वह कुछ टेस्ट मैचों में भारत के लिए बतौर सलामी बल्लेबाज भी खेले हैं। सर्वाधिक विकेट लेने का श्रेय राजेंद्र गोयल के नाम हैए जिन्होंने 640 विकेट हासिल किए हैं। वह 1958 से 1985 तक खेलते रहे। इसी कालखंड में भारत की मशहूर स्पिन चौकड़ी बेदीए चंद्रशेखरए प्रसन्ना और वेंकटराघवन खेल रहे थेए इसलिए गोयल भारतीय टीम में जगह नहीं बना सके। बेहतरीन स्पिनर होने के बावजूद गोयल इस मामले में दुर्भाग्यशाली रहे। रणजी की मौजूदा चैंपियन सौराष्ट्र की टीम है। इस टीम ने बंगाल को 09 विकेट से हराकर खिताब जीता था। वहींए पिछले साल मध्य प्रदेश की टीम चैंपियन थी। इस समय कई युवा जो आईपीएल में खेल रहे हैंए उन्होंने घरेलू क्रिकेट खेल कर ही अपने को चमकाया है। इसमें सबसे चर्चित नाम अर्जुन तेंदुलकर का हैए जो देश के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। अर्जुन को जब मुंबई टीम में भी नहीं चुना गया तो उसने गोवा का रुख किया। अर्जुन ने अब तक 07 लिस्ट ए मुकाबले और 9 टी20 मैच खेले हैं। पिछले साल दिसंबर में ग्रुप सी के मैच में राजस्थान के विरुद्ध रणजी मैच में शतक जड़कर उन्होंने बता दिया कि भविष्य में वह एक सफल आलराउंडर बन सकते हैं। यह अर्जुन का रणजी में डेब्यू मैच भी था। प्रथम श्रेणी के 08 मैचों में अर्जुन ने 12 विकेट लिए हैं और एक शतक समेत 223 रन बनाए हैं। मौजूदा आईपीएल में मुंबई इंडियंस की ओर से अर्जुन ने अपना डेब्यू किया है। इसी के साथ उत्तर प्रदेश में भदोही के निवासी 21 साल के यशस्वी जायसवाल घरेलू क्रिकेट में ऐसे बल्लेबाज हैंए जिन्होंने एक ही सीजन में दिलीप ट्रॉफी औैर ईरानी कप में दोहरा शतक लगाया है। वह लिस्ट ए में दोहरा शतक बनाने वाले दुनिया के सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं। इस साल राजस्थान रायल्स ने उन्हें 04 करोड़ में खरीदा है। आईपीएल में बतौर ओपनिंग बल्लेबाज वह खूब रन बना रहे हैं। 20 साल के तिलक वर्मा ने 2018-19 में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। इसी साल वह हैदराबाद की ओर से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले और अगले साल विजय हजारे ट्रॉफी में डेब्यू किया। 2020 में उन्हें अंडर-19 विश्व कप की टीम में चुना गया। तिलक को मुंबई इंडियंस ने 1ण्70 करोड़ में खरीदा है। तमिलनाडु के साई सुदर्शन के लिए इस साल का घरेलू सीजन शानदार रहा। उन्होंने विजय हजारे में तीन शतक और रणजी में एक शतक जड़ा है। वह वर्तमान में गुजरात टाइटंस की ओर से आईपीएल में खेल रहे हैं। इस तरह कई युवा खिलाड़ी घरेलू सत्र में अच्छे प्रदर्शन के दम पर आईपीएल खेल रहे हैं। ये आगे चलकर टीम इंडिया में भी शामिल होने का दावा करेंगे। आदर्श प्रकाश सिंह (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व 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