नई दिल्लीः भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी के रूप में मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी का पर्व पूरे देश में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा की जाती है। अनंत अर्थात जिसके ना आदि का पता है और ना ही अंत का, अर्थात वे स्वयं श्री नारायण हैं। आज के दिन भगवान विष्णु के नाम से व्रत रखकर, उनकी पूजा करके अनंतसूत्र बांधने से समस्त बाधाओं से मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने सृष्टि की शुरुआत में चौदह लोक तल, अतल, वितल, सुतल, तलातल, रसातल, पाताल, भू, भुवः, स्वः, जन, तप, सत्य, मह की रचना की। इन लोकों की रक्षा और पालन के लिए भगवान विष्णु स्वयं चौदह रूपों में प्रकट हो गए थे, जिससे वे अनंत प्रतीत होने लगे। आज के दिन भगवान सत्यनारायण की कथा सुनने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन किया जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार आज के दिन सूर्यास्त होने तक कुछ उपाय करने से सुख-संपदा की प्राप्ति होती है और सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
कष्टों से मुक्ति के लिए
यदि आपके जीवन की राह में कई समस्याएं आ रही हैं तो आज का दिन इन समस्याओं के निराकरण के लिए यह उपाय करें। एक लड्डू में 14 लौंग को लगाकर भगवान विष्णु को समर्पित कर दें। इसके बाद संध्या काल के समय उस लड्डू को चौराहे पर रखे दें। इससे आपकी समस्याएं अवश्य ही कम होंगी। इसके साथ ही सूर्यास्त से पहले भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाएं। खीर में तुलसी दल अवश्य ही चढ़ायें। इस भोग से भगवान बेहद प्रसन्न होते हैं और भक्त की समस्याओं को खत्म करते हैं।
जीवन में खुशहाली के लिए
अनंत चतुर्दशी के दिन संध्या काल के समय पूजा के समय लाल चंदन को कपूर के साथ जलायें और फिर उसके धुएं को पूरे घर में दिखायें। इससे आपके जीवन में खुशहाली आएगी और घर में सुख-संपत्ति का वास होगा।
वाद-विवाद खत्म करने के लिए
अगर आपका किसी व्यक्ति से विवाद चल रहा है और आप इससे समस्या से मुक्ति चाहते हैं तो अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान सत्यनारायण के कलश में 14 जायफल डालकर चढ़ायें। बाद में पूजा के बाद इस कलश के जल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें।
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शत्रु पर विजय के लिए
अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के समय कलश की स्थापना करें और गुड चढ़ायें। पूजन संपन्न होने के बाद गुड़ को गाय को खिला दें। इससे शत्रुओं पर अवश्य ही विजय प्राप्त होगी।
अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
भाद्रपद चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 8 सितंबर, गुरुवार रात 09.02 मिनट
भाद्रपद चतुर्दशी तिथि समाप्त- 09 सितंबर, शुक्रवार शाम 06.07 मिनट
उदयातिथि के अनुसार अनंत चतुर्दशी 9 सितंबर को ही मनाई जाएगी।
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