लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हर जिले के एक विशेष उत्पाद को पहचान दिलाने के लिए एक जिला-एक उत्पाद योजना शुरू की थी। ओडीओपी की सफलता के बाद अब योगी सरकार ने जिलों के दूसरे उत्पादों की ब्रांडिंग करने की भी तैयारी शुरू कर दी है। यदि इस योजना का अच्छी तरह से जिलों ने लाभ उठाया तो वह विश्वविख्यात अलीगढ़, फिरोजाबाद, लखनऊ और मुरादाबाद की तरह ही गौरव हासिल करेंगे।
एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना ने वह रास्ता दिखा दिया है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकल को ग्लोबल बनाने के सपने को पूरा किया जा सकता है। ओडीओपी योजना तो जस की तस चलती रहेगी, साथ ही अब जिलों के दूसरे उत्पादों को भी उसी तरह प्रोत्साहित किया जाएगा। ऐसी संभावनाओं वाले उत्पादों के चयन सहित पूरा एक्सपोर्ट एक्शन प्लान तैयार करने का जिम्मा यूके की कंसल्टेंट कंपनी प्राइस वाटरहाउस कूपर को दिया गया है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की इस योजना का परिणाम यह रहा कि 2017-18 में एमएसएमई का जो निर्यात 84 हजार करोड़ रुपये का था, वह 2018-19 में 1 लाख 16 हजार करोड़ और 2019-20 में 1 लाख 20 हजार करोड़ पहुंच गया। एमएसएमई के इस निर्यात में करीब 80 फीसद हिस्सेदारी ओडीओपी की है।
यह भी पढ़ें-अब रूस का गेहूं भरेगा पाकिस्तान का पेटलाॅकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल उत्पादों को ग्लोबल बनाने पर ज्यादा जोर दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हर जिले से निर्यात बढ़ाने पर जोर देना वक्त की मांग है। संयुक्त आयुक्त निर्यात पवन अग्रवाल ने भी अपनी राय रखते हुए कहा था कि सभी जिलों को एक्सपोर्ट हब बनाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन केंद्र बनाए जा रहे हैं। हर केंद्र पर सहायक आयुक्त स्तर के अधिकारी और व्यापार संबंधी कंपनी के प्रतिनिधि बैठेंगे। वह उद्यमियों को निर्यात की संभावनाएं और सुविधाएं बताएंगे।
तीन माह में देनी होगी रिपोर्ट
निर्यात प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए प्राइस वाटरहाउस कूपर से भी अनुबंध किया गया है। यह कंपनी सभी जिलों के लिए तीन माह में एक्सपोर्ट एक्शन प्लान बनाकर रिपोर्ट देगी कि किस-किस जिले में ओडीओपी के अतिरिक्त कौन से उत्पादों को निर्यात के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उन उत्पादों के निर्यात में भी दिलाया जाएगा। इसमें अमेजन जैसी कंपनी का भी सहयोग लिया जा सकता है।
करोड़ों रुपये का रखा गया है लक्ष्य
अपर मुख्य सचिव एमएसएमई डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि अगले तीन वर्ष में एमएसएमई से कुल निर्यात तीन लाख करोड़ रुपये पहुंचाने का लक्ष्य है। इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। ओडीओपी के साथ अन्य उत्पाद इस लक्ष्य को पाने में मददगार बनेंगे।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक जाएगा माल
इस योजना से राज्य के लाखों बेरोजगारों को नौकरी के अवसर मिल सकेंगे। यूपी सरकार आने वाले वर्षों में स्थानीय कारीगरों और उद्यमियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान करेगी। इस योजना से राज्य सरकार सकल घरेलू उत्पाद को 2 प्रतिशत तक बढ़ाने का इरादा साकार करना चाहती है। किसी विशेष उत्पाद पर ध्यान केंद्रित कर जिले के लोग अंतर्राष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा करने के लिए अपनी गुणवत्ता को बढ़ाएंगे और तैयार की गई सामग्री को सप्लाई करेंगे। हालांकि बलिया की बिंदी, आगरा और कानपुर का जूता, बरेली में जरी-जरदोजी, अलीगढ़ का ताला, फिरोजाबाद की चूड़ी और लखनऊ की चिकनकारी कई देशों में पहले से ही कब्जा जमा चुकी है। अब अन्य जिलों को भी सरकार प्रोत्साहित कर रही है।
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यूपी के तमाम जिलों में लघु उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के लिए लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। सभी जिलों के लोगों की कमाई का तरीका भिन्न है, लेकिन वह विश्व बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। अब सरकार इनको प्रोत्साहित कर रही है। ये अपना उद्योग बढ़ाने पर ध्यान देंगे और काम बढ़ते ही तमाम लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलने लगेंगे।