चंडीगढ़: हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जब तक गांव के लोगों को आधुनिक कृषि एवं कृषि-आधारित उद्योगों के प्रति जागरूक नहीं किया जाएगा तब तक देश एवं प्रदेश का विकास तेज गति से नहीं हो सकता, इसलिए अधिकारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को समृद्ध करने के लिए फार्म सेक्टर पर फोकस करें।
वे शुक्रवार को एमएसएमई निदेशालय के तहत बनाई गई हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी की समीक्षा कर रहे थे। उनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है। इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण के अलावा विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
दुष्यंत चौटाला ने अधिकारियों को मजबूत वैल्यू चेन लिंकेज बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि रिसर्च पर बल दिया जाना चाहिए, ताकि हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत अपनी यूनिट लगाने वालों को अधिक लाभ हो। आसपास के ग्रामीणों को अधिक से अधिक रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में हरियाणा निवेशकों की पहली पसंद बने, ताकि प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ सके। उन्होंने राज्य में कृषि एवं इसके सहायक-क्षेत्र डेयरी, बागवानी, पशुधन, मत्स्य, पोल्ट्री आदि के प्रोडक्टस में वैल्यू-एडिशन को प्रोत्साहित करने के निर्देश देते हुए कहा कि अभी उक्त क्षेत्रों में काफी सम्भावनाएं हैं, ऐसे में ग्रामीण-अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में अहम साबित होंगे।
उपमुख्यमंत्री ने हरियाणा एग्री-बिजनेस एंड फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत स्थापित यूनिटों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिन इंटरप्रेन्योर ने बेहतरीन व अनुकरणीय काम किया है, उनकी सक्सेस-स्टोरी प्रदेश के अन्य ग्रामीणों के समक्ष लाएं और प्रचारित करें, ताकि अन्य लोग भी प्रेरित हो सकें। उन्होंने अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में कृषि आधारित यूनिट्स को प्राथमिकता के आधार पर लेने के निर्देश दिए, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और अधिक समृद्ध हो सके।
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