ऊना: हिमाचल प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से हो रही भारी बारिश (Himachal Rain) के कारण पूरे प्रदेश में सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है और प्रदेश को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। अकेले जल शक्ति विभाग में 4680 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिससे राज्य को 323.30 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इनमें ऊना जिला की 257 क्षतिग्रस्त योजनाएं भी शामिल हैं, जहां करीब 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
यह जानकारी उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने रविवार को भारी बारिश के कारण ऊना-होशियारपुर मार्ग पर क्षतिग्रस्त घालूवाल पुल के निरीक्षण के दौरान दी। उन्होंने कहा कि भारी बारिश के कारण हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के 876 बस रूट प्रभावित हुए हैं और 403 बसें विभिन्न स्थानों पर फंसी हुई हैं। इसके अलावा पूरे राज्य में निजी संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है और पूरे राज्य में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है।
प्रवासियों की सुरक्षा के करें इंतजाम
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के इस दौर में राज्यवासियों की जान-माल की रक्षा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि ऊना जिला में नदियों और खड्डों के किनारे बसे प्रवासियों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध किए जाएं और उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए।
मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा कि समतल क्षेत्र होने के कारण ऊना जिला इस भारी बारिश से हुई तबाही से अधिक प्रभावित हुआ है और समतल क्षेत्र के निवासियों को जलभराव की समस्या का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों के लोग टेलीफोन के माध्यम से प्रशासन से संपर्क कर रहे हैं और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण पूरे जिले में उपायुक्त ऊना के निर्देशन में लोगों को यथाशीघ्र सहायता प्रदान कर रहा है।
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वरदान साबित हुआ रामपुर हरोली पुल
उपमुख्यमंत्री ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि संकट के इस दौर में राहत एवं बचाव कार्य पूरी तत्परता से जारी रखें और लोगों की सेवा के लिए 24 घंटे उपलब्ध रहें। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आपदा की इस घड़ी में रामपुर हरोली पुल जिले के लोगों के लिए वैकल्पिक मार्ग के रूप में वरदान साबित हुआ है और घालूवाल पुल के यातायात के लिए बंद होने के बाद लोग रामपुर हरोली पुल का भरपूर उपयोग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऊना जिला में स्वां नदी सहित सहायक नदियों पर लगभग 1500 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिसके कारण भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति होने पर भी स्थिति नियंत्रण में रही, अन्यथा जिला में 1988 जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।
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