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किसान आंदोलन: शाम तक सरकार से बातचीत पर निर्णय, एक वक्त ही भोजन करेंगे किसान

Farmers sitting on protest against the three farm laws

नई दिल्लीः कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बुधवार को 28वें दिन भी जारी है। अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे किसान अब भी सरकार से बातचीत को लेकर भी उत्साहित नहीं दिख रहे हैं, तभी तो किसान संगठनों ने सरकार की ओर से बातचीत के लिए भेजे गए आमंत्रण पर अभी निर्णय नहीं लिया है। उनका कहना है कि सभी संगठनों से मंत्रणा करने के बाद आज देर शाम तक केंद्र को जवाब भेजा जाएगा। तभी किसान अपनी रणनीति का ऐलान करेंगे कि वो सरकार से बात करने जाएंगे या नहीं। किसान दिवस पर किसानों ने अपने आंदोलन को और तेज करने की भी बात कही है। इसके तहत एक समय का खाना नहीं खाने, हरियाणा के टोल प्लाजा को फ्री किए जाने तथा कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर ताली और थाली बजाने की अपील की है।

दरअसल, कई दौर की बातचीत के बाद भी कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच बात बनती नहीं दिख रही है। ऐसे में बातचीत से रास्ता निकालने की सरकार की कोशिशों के बीच अब गेंद किसानों के पाले में है। सरकार ने बातचीत के लिए रविवार को किसान संगठनों को न्योता भेजा है, जिस पर मंगलवार को किसान फैसला नहीं कर सके। ऐसे में किसान संयुक्त मोर्चा ने आज (बुधवार) बैठक कर यह तय करेंगे कि सरकार से बात करनी है या नहीं। किसानों ने देर शाम सरकार को जवाब देने के लिए भी अपनी रणनीति का ऐलान किया है।

किसान दिवस के मौके पर गाजीपुर बॉर्डर पर डटे किसानों ने सरकार की बुद्धि-शुद्धि के लिए हवन भी किया है। उनका कहना है कि इस हवन के जरिए हमारी कोशिश है कि सरकार की सोच बदले और वो किसानों की बात को मान लें। उन्होंने यह भी कहा कि आज हमारे लंगर में एक समय का ही भोजन बनेगा, आंदोलनकारी किसान दोपहर का भोजन नहीं खाएंगे। किसानों ने अन्य लोगों से भी एक वक्त का अन्न त्यागने की अपील की है।

दूसरी तरफ टिकरी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा है कि अगर सरकार को वाकई किसानों की परवाह है तो उन्हें किसान दिवस पर हमें तोहफा देते हुए कृषि कानून को रद्द कर देना चाहिए। आज का किसान पढ़ा-लिखा है और उसे इस कानूनों के बारे में पता है।

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भारतीय किसान यूनियन के नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति पर विचार किए जाने की बात कही है। उन्होंने यह भी बताया कि फिलहाल आज से हम एक समय खाना नहीं खाएंगे। 26 और 27 तारीख को दूतावासों के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। जबकि 27 तारीख को प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम के साथ सभी आंदोलनरत किसान ताली-थाली बजाकर विरोध जताएंगे।