New Delhi: एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है कि, शारीरिक गतिविधि का मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव पड़ता है, शारिरक गतिविधियां न केवल आपके मस्तिष्क को फिर से जीवंत कर सकता है, बल्कि बढ़ती उम्र के लक्षणों को भी कम करने में मदद करता है।
चूहों के मस्तिष्क पर किया गया रिसर्च
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड विश्वविद्यालय की एक टीम ने चूहों के मस्तिष्क में व्यक्तिगत कोशिकाओं में जीन की अभिव्यक्ति पर रिसर्च किया। जिससे पता चला कि, रोजाना व्यायाम करने से मस्तिष्क के कार्य का समर्थन करने वाले केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की प्रतिरक्षा कोशिकाओं माइक्रोग्लिया में जीन अभिव्यक्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
रिसर्च के दौरान टीम ने पाया कि, व्यायाम वृद्ध माइक्रोग्लिया के जीन अभिव्यक्ति पैटर्न को युवा चूहों में देखे गए जीन अभिव्यक्ति पैटर्न में बदल देता है। वहीं क्वींसलैंड विश्वविद्यालय से जना वुकोविक ने कहा, ''हम आश्चर्यचकित और उत्साहित थे कि, शारीरिक गतिविधि किस हद तक मस्तिष्क के भीतर प्रतिरक्षा कोशिकाओं की संरचना को फिर से जीवंत और परिवर्तित करती है। साथ ही उन्होंने कहा, "हमारे निष्कर्षों से विभिन्न उद्योगों को बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए हस्तक्षेप डिजाइन करने में मदद मिलनी चाहिए जो अपनी शारीरिक और मानसिक क्षमताओं को बनाए रखना या सुधारना चाहते हैं।"
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इसके अलावा शोध से पता चला कि, उम्र बढ़ने के दौरान चूहों के हिप्पोकैम्पस में टी कोशिकाएं कम हो जाती हैं। टी कोशिकाएं प्रतिरक्षा कोशिकाएं हैं, जो उम्र के साथ बढ़ने के लिए जानी जाती हैं। शोध में पाया गया कि मस्तिष्क के हिप्पोकैम्पस में नए न्यूरॉन्स बनाने में मदद करने के लिए व्यायाम के उत्तेजक प्रभावों के लिए माइक्रोग्लिया कोशिकाओं की जरूरत होती है। बता दें, यह शोध वृद्ध वयस्कों के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को बनाए रखने या सुधारने के लिए मदद कर सकता है।